1 / 2हरियाणा के सीएम आवास का घेराव करने पहुंचे यूथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने किया वाटर कैनन का इस्तेमाल।
नए कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली से चंडीगढ़ तक हंगामा जारी है। कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर चौतरफा डटे किसानों के समर्थन में हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर के आवास का घेराव करने पहुंचे पंजाब यूथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। हजारों की तादाद में इकट्ठा हुए यूथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं को काबू करने में पुलिस को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
इस बीच दिल्ली में कृषि कानूनों को लेकर जारी गतिरोध को दूर करने के लिए बुधवार को एक बार फिर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के घर पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल की उपस्थिति में बैठक का दौर जारी है। सरकार किसानों को मनाने के लिए लगातार माथापच्ची कर रही है, लेकिन किसान किसी भी सूरत में झुकने को तैयार नहीं दिख रहे हैं।
इससे पहले कल भी केंद्रीय मंत्रियों ने सरकार बैठक के बाद किसानों के साथ चर्चा कर इस मुद्दे को जल्द से जल्द हल करने की कोशिश की थी। हालांकि, किसानों के साथ हुई वार्ता बेनतीजा रही थी और एक बार फिर इस मुद्दे पर 3 दिसंबर को किसानों और सरकार के बीच चौथे दौर की वार्ता होगी।
LIVE UPDATES :-
– दिल्ली पुलिस ने बुधवार दोपहर से गुरुग्राम से दिल्ली में प्रवेश करने वाले वाहनों और राहगीरों की जांच शुरू कर दी है। जांच के कारण सरहोल बॉर्डर पर लंबा जाम लगा।
– चंडीगढ़ : कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर के आवास पर घेराव करने पहुंचे पंजाब यूथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। यूथ कांग्रेस ने प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ बल प्रयोग के लिए उनसे माफी मांगे जाने की मांग की।
– नोएडा पुलिस द्वारा महामाया फ्लाईओवर पर बैठे किसानों को गिरफ्तार कर बस में ले जाया गया, लेकिन नोएडा एंट्री गेट पर किसान अभी भी मौजूद हैं।
– नोएडा एंट्री गेट पर चल रहे किसानों के प्रदर्शन को समर्थन देने आ रहे किसानों को पुलिस ने महामाया फ्लाईओवर पर रोका, एक्सप्रेस वे पर लगा जाम।
– कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर और दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा कि हमारी मांग है कि कृषि कानूनों को रद्द किया जाए और MSP पर सरकार बात करें। सरकार जल्द से जल्द इस कानून को रद्द करे नहीं तो हम दिल्ली के सारे हाईवे को जाम कर देंगे।
गौरतलब है कि केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ हजारों किसान दिल्ली से लगती सीमाओं के प्रवेश मार्गों पर बुधवार को लगातार सातवें दिन भी डटे हुए हैं। किसानों को आशंका है कि इन कानूनों के कारण न्यूनतम समर्थन मूल्य समाप्त हो जाएगा।
बता दें कि किसान हाल ही बनाए गए तीन नए कृषि कानूनों – द प्रोड्यूसर्स ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) एक्ट, 2020, द फार्मर्स ( एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेज एक्ट, 2020 और द एसेंशियल कमोडिटीज (एमेंडमेंट) एक्ट, 2020 का विरोध कर रहे हैं।
किसानों के प्रदर्शन से दिल्ली-एनसीआर के बॉर्डरों पर यातायात प्रभावित
केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के दिल्ली में दाखिल होने के प्रमुख मार्गों पर लगातार सात दिनों से डटे होने के कारण बुधवार को भी यातायात धीमा रहा और लोगों को, खासकर ऑफिस जाने वालों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
हरियाणा को दिल्ली से जोड़ने वाले सिंघु और टिकरी बॉर्डर को पुलिस ने यातायात के लिए अब भी बंद कर रखा है। वहीं शहर के उत्तर प्रदेश से लगने वाले गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन तेज हो गया है।
दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर हो रहे प्रदर्शन के कारण गाजियाबाद को दिल्ली से जोड़ने वाला एक प्रमुख मार्ग बंद है। ट्रैफिक पुलिस ने ट्वीट किया, ” गौतमबुद्ध नगर के पास किसानों के प्रदर्शन के कारण ‘नोएडा लिंक रोड पर चिल्ला बॉर्डर बंद है। लोगों से नोएडा जाने के लिए ‘नोएडा लिंक रोड की बजाय एनएच-24 और डीएनडी का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया जाता है। राष्ट्रीय राजधानी को गुरुग्राम और झज्जर-बहादुरगढ़ से जोड़ने वाले दो अन्य बॉर्डर भी एहतियाती तौर पर बंद कर दिए गए हैं।”
ट्रैफिक पुलिस ने टिकरी, झड़ौदा और झटीकरा बॉर्डर को भी हर तरह के यातायात के लिए बंद कर दिया है। बडूसराय बॉर्डर केवल दो-पहिया वाहनों के लिए खुला है। उसने कहा कि हरियाणा के लिए ढांसा, दौराला, कापसहेड़ा, राजोकरी एनएच-8, बिजवासन/ बजघेड़ा, पालम विहार और डूंडाहेड़ा बॉर्डर खुले हैं। यातायात को अन्य मार्गों पर परिवर्तित करने की वजह से जाम लग गया है।
उल्लेखनीय है कि नए केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों की चिंताओं पर गौर करने के लिए एक समिति गठित करने के केंद्र सरकार के प्रस्ताव को मंगलवार को किसान प्रतिनिधियों ने ठुकरा दिया था। सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों और अधिकारियों के साथ मंगलवार को हुई उनकी लंबी बैठक बेनतीजा रही थी। अब दूसरी बैठक गुरुवार को होगी। इन कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर बड़ी संख्या में किसान दिल्ली से लगी सीमाओं पर करीब एक सप्ताह से प्रदर्शन कर रहे हैं।
कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार के पक्ष में आए बाबा रामदेव
केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के चल रहे विरोध के बीच योग गुरु रामदेव मंगलवार को केंद्र सरकार के समर्थन में सामने आए और कहा कि सरकार को कानून बनाने से पहले किसानों के साथ विचार-विमर्श करना चाहिए था। बाबा रामदेव ने मंगलवार को हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से उनके कार्यालय में मुलाकात की थी। विज के कार्यालय में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में रामदेव ने कहा कि इन कानूनों में एमएसपी खत्म करने का कोई जिक्र नहीं है और न ही सरकार की ऐसी कोई मंशा है। हाल के दिनों में मैंने प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री, कृषि मंत्री से बात की है, लेकिन मुझे कभी नहीं लगा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली को खत्म करने के लिए सरकार की कोई योजना है।
रामदेव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों के खिलाफ नीतियां क्यों तैयार करेंगे। वह न तो किसी बहुराष्ट्रीय कंपनी के गुलाम हैं, न ही किसी कॉरपोरेट के गुलाम हैं और न ही उनकी किसानों से कोई दुश्मनी है। प्रधानमंत्री की मंशा साफ है और वह किसानों के जीवन में सुधार लाना चाहते हैं।