बिहार की राजनीति में जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) अहले पायदान पर आती है। करीब पंद्रह सालों से राज्य में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में सरकार चली है। अब उनका चौथा कार्यकाल शुरू हो गया है। इसके साथ हीं जेडीयू अब राज्य से बाहर अपनी पार्टी के विस्तार को लेकर योजनाएं बनानी शुरू कर दी है। नीतीश की अगुवाई में पार्टी ने पश्चिम बंगाल और असम के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी विस्तार की बड़ी तैयारी की है। गौरतलब है कि यूपी में अगले साल 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं। कुछ दिनों पहले अरूणाचल प्रदेश जेडीयू इकाई के छह विधायक बीजेपी में शामिल हो गए थे जिसके बाद पार्टी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी।23-24 जनवरी को बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर लखनऊ में कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इसका पूरा जिम्मा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी को दी है। दरअसल, यूपी में पार्टी अपने हर तरह के समीकरण का आंकलन कर रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केसी त्यागी ने दावा किया है कि यूपी में जेडीयू के लिए काफी संभावनाएं हैं। सामाजिक समीकरण पूरी तरह से पार्टी के अनुकूल है। राज्य से सटे यूपी के जिलों में कुर्मी आबादी काफी है,जिसमें पार्टी अपना भविष्य देख रही है। यूपी में पार्टी के विस्तार की तैयारी के पीछे सियासी दीवार साफ नजर आ रही हैं। राज्य में अभी भाजपा के सामने अन्य सभी दलों का सामर्थ्य कमजोर हुआ है। त्यागी के मुताबिक कांशीराम के बाद मायावती के नेतृत्व में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की जमीन धीरे-धीरे कटती जा रही है। मुलायम सिंह यादव की पार्टी सपा भी पस्त होती जा रही है। ऐसे में जदयू अपनी जड़ें जमा सकता है। जदयू ने पांच साल पहले भी चुनाव की तैयारी की थी। सीएम नीतीश ने बनारस, इलाहाबाद, कानपुर मंडलों में करीब दर्जन भर सभाएं की थीं। लेकिन, पार्टी चुनाव लड़ने से पीछे हट गई।