“IIT कानपुर हमेशा ही अपने अनोखे प्रयोगों के लिए खबरों में रहता है। हाल में आई खबर के मुताबिक IIT कानपुर ने अब एक ऐसा हेलीकॉप्टर बना दिया है, जिसकी सहायता से सेना के कठिन से कठिन मिशन को आसानी से पूरा किया जा सकेगा। सबसे खास बात यह है कि इस 4 किलो के हेलीकॉप्टर का निर्माण भारतीय सेना को ध्यान में रख कर किया गया है।”
जैसा कि हम सभी यह बात अच्छी तरह जानते हैं, कि IIT कानुपर कुछ नया, कुछ अलग और कुछ अनोखा करने के मामले में हमेशा से ही आगे रहा है और यही वजह है कि अधिकतर अभिभावक यह चाहते हैं, कि उनका बच्चा भी इस संस्थान से पढ़ाई करे। ऐसे में IIT कानपुर ने एक और नई चीज बनाई है। दरअसल IIT कानपुर ने अब एक ऐसा हेलीकॉप्टर बनाया है, जिसकी मदद से सेना के किसी भी मुश्किल मिशन को आसानी से पूरा किया जा सकता है। खास बात यह है कि यह हेलीकॉप्टर भारतीय सेना को ध्यान में रखकर बनाया गया है।
आपको बता दें कि छुपे हुए दुश्मनों को ढूंढ निकालने के साथ-साथ यह हेलीकॉप्टर और भी कई तरह से काम में लाया जा सकता है, जैसे मुश्किल समय में ज़रूरत पड़ने पर इसका इस्तेमाल मेडिकल किट और बचाव के लिए भी किया जा सकता है।
इस हेलीकॉप्टर की सबसे बड़ी और खास बात यह है कि इसका वजन केवल 4 किलो है। जानकारी के अनुसार, यह IIT के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रोफेसर अभिषेक की देखरेख में तैयार किया गया है।
IIT कानपुर ने ट्वीटर पर जानकारी दी है कि 4 किलो का हल्का हेलीकॉप्टर विकसित किया गया है, जो एयरो-इंडिया 2021 में भाग लेगा और इस हेलीकॉप्टर का डिजाइन सेना को ध्यान में रख कर तैयार किया गया है-
गौरतलब है, कि IIT कानपुर के स्टार्टअप इंड्योरएयर हेलीकॉप्टर बेंगलुरु में आयोजित होने वाले एशिया के सबसे बड़े शो एयरो इंडिया 2021 में आकर्षण का केंद्र बनेगा, जिसकी जानकारी IIT कानपुर ने ट्वीटर पर खुद से दी है। उन्होंने कहा है, “चार किलो का हल्का हेलीकॉप्टर विकसित किया गया है जो एयरो-इंडिया 2021 में भाग लेगा। हेलीकॉप्टर का डिजाइन सेना को ध्यान में रखकर बनाया गया है।” प्रोफेसर अभिषेक के अनुसार, “बचाव और सेना को ध्यान में रखते हुए इस हेलीकॉप्टर में कुछ खास तरह के कैमरे लगाये गये हैं, जो सेंसर से जुड़े हुए हैं। इसकी सबसे अच्छी बात यह है, कि यह 15 किमी की दूरी से भी आसानी से वीडियो डेटा भेज सकता है। इसमें भीड़ की निगरानी के लिए सेंसर भी हैं। यह हेलीकॉप्टर किसी अन्य की तरह लैंडिंग या टेकऑफ नहीं करेगा। वर्टिकल टेकऑफ और लैंडिंग करके कोई भी किसी भी जगह से आसानी से उड़ान भर सकता है। यह माइनस 20 से 50 ° C के बीच आसानी से चल सकता है। इसे लेह लद्दाख से अरुणाचल की दुर्गम पहाड़ियों तक आसानी से ले जाया जा सकता है।”