भारत के 114 मल्टीरोल फाइटर एयरक्राफ्ट खरीद प्रोजेक्ट में राफेल भी अहम लड़ाकू विमान है। भारतीय वायु सेना के प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने शनिवार को जोधपुर में यह बात कही। इससे साफ संकेत मिलता है कि भविष्य में देश के लड़ाकू विमानों के बेड़े में राफेल की संख्या में और इजाफा हो सकता है और अगर ऐसा होता है तो यकीनन इससे देश की सैन्य शक्ति में जबरदस्त बढ़ोतरी होगी।
इसके साथ ही भदौरिया ने बताया कि देश में पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों पर काम शुरू कर दिया गया है। उन्होंने कहा, “हमने एएमसीए एयरक्राफ्ट प्रोजक्ट के अंदर डीआरडीओ के साथ मिलकर पांचवीं पीढ़ी के फाइटर एयरक्राफ्ट प्रोग्राम पर काम करना आरंभ कर दिया है। हम उन विमानों को छठी पीढ़ी की ताकतों से लैस करेंगे, लेकिन हमारी पहली प्राथमिकता पांचवीं पीढ़ी के फाइटर एयरक्राफ्ट बनाने पर होगी।”
राफेल लड़ाकू विमानों की अगली खेप अगले साल गणतंत्र दिवस के बाद आ सकती है। इस बीच यह योजना बनाई जा रही है कि एयरबेस 330 मल्टी-रोल ट्रांसपोर्ट टैंकरों का उपयोग करके भारत के करीबी सहयोगी UAE की वायु सेना द्वारा विमान में हवा के बीच फिर से ईंधन भरा जाएगा। ये अंबाला एयरबेस पहुंचेंगे।
फिलहाल साल 2021 के आखिर तक भारत में राफेल की पूरी खेप पहुंच जाएगी, जिसके तहत हमें 36 राफेल विमान मिलेंगे। राफेल का एक स्क्वॉड्रन अंबाला में रहेगा, और एक हसीमाड़ा एयरबेस पर। राफेल में तीन तरह की मिसाइलें होंगी। पहली, हवा से हवा में मार करने वाली मीटियोर मिसाइल। दूसरी, हवा से जमीन में मार करने वाल स्कैल्प मिसाइल और तीसरी है हैमर मिसाइल।