भारत-चीन बॉर्डर पर बर्फबारी ने बढ़ाई मुश्किलें, Army-BRO की रसद सप्लाई रुकी

लास्पा और मिलम हेलीपैड में बर्फ जमा हो जाने से बीआरओ की नियमित सप्लाई रुक गई है। बीआरओ चीन सीमा तक सड़क पहुंचाने के कार्य के लिए इस वक्त बॉर्डर पर कार्यरत है। मौजूदा स्थिति से सेना को भी दिक्कत हो रही है। मुनस्यारी-मिलम सड़क का निर्माण कर रही बीआरओ के कर्मचारियों के लिए यहां हेलीकॉप्टर से राशन और अन्य जरूरी सामान नियमित भेजा जाता है। इसके लिए लास्पा और मिलम में हेलीपैड बनाए गए हैं।

हालत यह है कि अब भी वहां करीब दो-दो फीट बर्फ जमा है, जिससे रसद ले जाने वाले हेलीकॉप्टर की वहां लैंडिंग मुश्किल हो गई है। हालांकि बीआरओ और सेना के जवान हेलीपैड में जमा बर्फ को हटाने में जुटे हुए हैं।

मुनस्यारी से हेलीकॉप्टर के जरिये चीन सीमा पर स्थित भारतीय सेना की अग्रिम चौकियों और बीआरओ को राशन और अन्य जरूरी सामान पहुंचाया जाता है। उधर, मिलम और लास्पा में यहां हेलीपैड बनाये गए हैं, वहां बीती 24 और 25 नवंबर को यहां जमकर बर्फबारी हुई। हेलीपैड पर अब भी दो-दो फीट बर्फ जमा होने से वहां हेलीकॉप्टर की लैंडिंग मुमकिन नहीं हो पा रही है। ऐसी स्थिति में वहां नियमित सप्लाई फिलवक्त पूरी तरह से रुक गई है।

हेलीकॉप्टर के उड़ान न भर पाने से बॉर्डर पर मौजूद बीआरओ के लिए भेजा जाने वाला चावल, आटा, चीनी, टेंट, बुखारी, तेल सहित कई अन्य जरूरी सामान मुनस्यारी के हेलीपैड पर ही डंप हो गया है।

ऐसी स्थिति में सेना को भी दिक्कत हो रही है। जानकारी के मुताबिक, सेना के जवान और बीआरओ हेलीपैड से बर्फ हटाने के कार्य में दिन-रात जुटे हैं। उम्मीद है कि जल्द ही हेलपैड की बर्फ हटाकर यहां जरूरी सामान की सप्लाई सामान्य कर दी जाएगी। हालांकि सेना, बीआरओ और प्रशासन की तरफ से इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है, लेकिन क्षेत्र में बर्फबारी से जवानों की मुश्किलें दोगुना बढ़ गई है।

पहली बार उच्च हिमालयी क्षेत्रों में रहेगी बीआरओ 

बीआरओ चीन सीमा तक सड़क पहुंचाने के लिए मुनस्यारी-मिलम सड़क का निर्माण कर रही है। पिछली बार तक बर्फबारी शुरू होते ही बीआरओ उच्च हिमालयी क्षेत्र से मुनस्यारी आ जाती थी। बर्फबारी थमने के बाद फिर से सड़क निर्माण का काम किया जाता था। लेकिन इस बार उसने बर्फबारी में भी सड़क निर्माण का काम करने का फैसला लिया है। पहली बार बीआरओ उच्च हिमालयी क्षेत्र स्थित अपने कैंपों में रहेगी।

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