नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों द्वारा बुलाए गए ‘भारत बंद’ का असर कई राज्यों में काफी रहा, तो कई राज्यों में मिला-जुला असर दिखा। पंजाब, पश्चिम बंगाल और यूपी में प्रदर्शनकारियों ने जहां रेलवे ट्रैक को बाधित किया। वहीं, महाराष्ट्र, केरल, गुजरात, राजस्थान सहित अन्य राज्यों में किसानों और राजनीतिक दलों ने हाइवे और सड़कों को जाम कर दिया। यूपी के प्रयागराज में सपा के कार्यकर्ता ट्रेन के आगे लेट गए और कई घंटों तक ट्रैक को बाधित किया। राजस्थान में तो भाजपा और कांग्रेस के युवा मोर्चों के कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। वेस्ट यूपी में भी भाकियू ने कई जगहों पर सड़कें जाम कर दी। आइए जानते हैं किस राज्य में क्या रहा बंद का असर….
पंजाब : दुकानें बंद रही, किसान रेलवे ट्रैक पर बैठे
किसान संगठनों द्वारा आहूत भारत बंद का सबसे ज्यादा असर पंजाब में दिखा। यहां कई स्थानों पर दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। राज्य में पेट्रोल डीलरों ने भी बंद के समर्थन में पेट्रोल पंप बंद रखे। लुधियाना में भी प्रदर्शनकारी सड़कों पर बैठ गए। किसानों ने कई स्थानों पर सुबह 11 बजे से तीन बजे तक टोल प्लाजा को बंद रखा। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति ने भी किसानों के समर्थन में अपने कार्यालय और संस्थान को बंद रखा। रखने की घोषणा की है। बठिंडा जिले के रामपुरा फूल में काफी संख्या में किसान संगठनों के सदस्य रेलवे ट्रैक पर बैठ गए और कई घंटों तक रेल सेवा को बाधित किया। भारत बंद के दौरान किसान और अन्य संगठन विभिन्न स्थानों पर प्रदर्शन किया। किसानों ने कई जगहों पर सड़कों पर धरना देकर बैठ गए हैं और ट्रैक्टर खड़े कर मार्ग को जाम कर दिया है। बठिंडा के बल्लुआन के बस स्टैंड के पास किसानों ने नेशनल हाइवे को बंद कर दिया। इससे मलोट-फाजिल्का जाने वाले लोग रास्ते में फंस गए हैं।
उत्तर प्रदेश : नेताओं को किया नजरबंद, रेलवे ट्रैक किया जाम
नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों द्वारा आहूत भारत बंद का उत्तर प्रदेश में मिला-जुला असर दिखा। भारत बंद का समर्थन कर रही समाजवादी पार्टी (सपा) के कार्यकर्ताओं की प्रदेश के विभिन्न जिलों में पुलिस के साथ तीखी झड़प हुई। प्रयागराज में सपा कार्यकर्ताओं ने प्रयागराज स्टेशन पर बुंदेलखंड एक्सप्रेस ट्रेन को रोक दिया और पटरी पर लेट कर नारेबाजी की। पुलिस अधीक्षक (नगर) दिनेश कुमार ने बताया कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस जब प्रयागराज रेलवे स्टेशन पहुंची, तो वहां मौजूद कुछ सपा कार्यकर्ता पटरी पर लेट गए और नारेबाजी की। हालांकि उन्हें वहां से जल्द ही हटाकर हिरासत में ले लिया गया। प्रदेश के बस्ती, बहराइच, गोरखपुर, चंदौली, सोनभद्र, इटावा तथा कुछ अन्य जिलों से सपा कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प और नोकझोंक की खबरें मिली हैं। इस बीच, राष्ट्रीय किसान मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष शेखर दीक्षित ने कहा कि उनके संगठन के पदाधिकारियों को उन्नाव, सीतापुर, हरदोई ,औरैया, कन्नौज, प्रयागराज, गाजियाबाद तथा अन्य शहरों में पुलिस ने नजरबंद किया है, जो लोकतंत्र की हत्या जैसा है।
महाराष्ट्र : कई मार्गों पर नहीं चली बसें, दूध सप्लाई रोकी
किसानों के भारत बंद का महाविकास अघाड़ी में शामिल तीनों दल यानी शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी ने समर्थन किया। बंद को देखते हुए संवेदनशील मार्गों पर स्टेट ट्रांसपोर्ट की बसों को नहीं चलाने का फैसला लिया गया है। बंद के दौरान राज्य में मेडिकल स्टोर और किराना दुकानें खुली रही। दूध उत्पादक संघ ने पूरे राज्य में सप्लाई पर रोक लगा दी। इसके अलावा फल और सब्जी की सप्लाई भी नहीं हो सकी। राज्य में सभी रेस्तरां सुबह 11 बजे से 3 बजे तक बंद रहे। नासिक, पुणे, अहमदनगर और कोल्हापुर में मंडियां भी बंद रही। वहीं, भारत बंद के मद्देनजर एक किसान संगठन के सदस्यों ने महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में ट्रेन रोकी।
पश्चिम बंगाल : तृणमूल कांग्रेस ने तीन दिनों का धरना शुरू किया
तृणमूल कांग्रेस ने केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ मंगलवार को तीन दिनों का अपना धरना शुरू किया और इन जन-विरोधी कानूनों को फौरन वापस लिए जाने की मांग की है। राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक बेचराम मन्ना के नेतृत्व में पार्टी के किसानों और कृषि श्रमिक शाखा ने मध्य कोलकाता में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने अपना धरना शुरू किया। वहीं, कांग्रेस और वाम दलों के समर्थकों ने भारत बंद के समर्थन में राज्य में कई स्थानों पर रेल पटरियों को जाम किया और सड़कों पर धरना दिया। निजी वाहन सड़कों से नदारद रहे और बस, टैक्सी जैसे सार्वजनिक वाहनों का परिचालन सामान्य से कम रहा।
जम्मू-कश्मीर : ट्रांसपोर्टर सहित विभिन्न संगठनों ने किया प्रदर्शन
राज्य में ट्रांसपोर्टर सहित विभिन्न संगठनों ने मंगलवार को यहां शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन किया ताकि भारत बंद का आह्वान करने वाले किसानों के साथ एकजुटता दिखा सकें। बंद का जम्मू क्षेत्र में मिला-जुला असर रहा, जहां अधिकतर सार्वजनिक परिवहन सड़कों से नदारद रहे। यात्रियों को समस्याओं का सामना करना पड़ा और उन्हें पैदल जाते देखा गया। लेकिन दुकानें एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठान आंशिक रूप से खुले रहे। मुख्य प्रदर्शन रैली जम्मू-कश्मीर ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन (जेकेटीडब्ल्यूए) ने बिक्रम चौक से दिगयाना तक निकाली जिससे जम्मू-पठानकोट राजमार्ग जाम हो गया। जेकेटीडब्ल्यूए और एक दर्जन से अधिक सामाजिक, धार्मिक तथा राजनीतिक संगठनों ने बंद के आह्वान का समर्थन किया है।
राजस्थान : जयपुर में कांग्रेस-भाजपा कार्यकर्ताओं में झड़प
नए कृषि कानूनों के खिलाफ और किसानों के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे एनएसयूआई के सदस्यों और भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं के बीच भाजपा कार्यालय के बाहर मंगलवार को जमकर झड़प हुई। किसानों के आंदोलन को समर्थन देने के लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सड़क पर रैली निकाल पर प्रदर्शन किया। वहीं, एनएसयूआई कार्यकर्ताओं का एक समूह प्रदर्शन करने के लिए भाजपा प्रदेश मुख्यालय के बाहर एकत्र हुआ, जहां उनकी भाजपा युवा मार्चा के कार्यकर्ताओं के साथ झड़प हो गई। पुलिस ने कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है। भारत बंद का कांग्रेस शासित राजस्थान में किसान संगठनों और मंडी कारोबारियों ने समर्थन किया है। यहां पेट्रोल पंप, अस्पताल, मेडिकल शॉप्स सहित जरूरी सेवाओं को छोड़कर बाकी सब कुछ बंद रहेगा। जयपुर में प्रदेश की सबसे बड़ी फल-सब्जी मंडी मुहाना टर्मिनल भी बंद रहीं। राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ ने भी बंद का समर्थन करते हुए प्रदेश की सभी 247 अनाज मंडियों को बंद रखने की अपील की।
छत्तीसगढ़ : भारत बंद का दिखा व्यापक असर
भारत बंद के मद्देनजर मंगलवार को राज्य के लगभग सभी बड़े शहरों में व्यापारिक संस्थान बंद रहे। छत्तीसगढ़ में सत्ताधारी दल कांग्रेस ने भारत बंद का समर्थन किया है। सत्ताधारी दल के नेता और कार्यकर्ता बंद को सफल बनाने के लिए सड़क पर निकले तथा लोगों से समर्थन का अनुरोध किया। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कार्यकर्ताओं के साथ रायपुर जिले के दोंदे खुर्द गांव का दौरा किया तथा लोगों से किसानों का समर्थन करने की अपील की। छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के संयोजक मंडल के सदस्य संकेत ठाकुर ने बताया कि राज्य के 36 संगठनों ने बंद को समर्थन दिया है। इनमें किसान, मजदूर और सामाजिक संगठन शामिल हैं। बंद के दौरान राज्य के कई स्थानों पर रैलियों का आयोजन किया जा रहा है। राज्य में छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स तथा उद्योगों ने बंद का समर्थन किया है। छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स ने व्यापारिक प्रतिष्ठानों को शहरों में अपराह्न बाद दो बजे तक बंद रखने का फैसला किया। सार्वजनिक परिवहन और ऑटो रिक्शा चालकों ने भी बंद का समर्थन किया है। सार्वजनिक वाहनों के नहीं चलने के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
झारखंड : भारत बंद का मिला-जुला असर रहा
किसानों के भारत बंद के आह्वान का झारखंड में मिला-जुला असर दिखा। यहां लगभग सभी सरकारी कार्यालय खुले रहे, लेकिन निजी संस्थान एवं दुकानें आंशिक तौर पर बंद रहीं। राज्य में स्थानीय यातायात अधिकतर सामान्य है, लेकिन अंतरराज्यीय यातायात ठप रहा। राज्य की राजधानी रांची, धनबाद, हजारीबाग, जमशेदपुर, पलामू, दुमका, बोकारो, साहिबगंज और पाकुड़ समेत सभी 24 जिलों में बंद का मिला-जुला असर दिखा और कहीं से भी किसी प्रकार की अप्रिय घटना का समाचार नहीं है। झारखंड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स ने बंद का विरोध किया है, जबकि सत्ताधारी झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस एवं राष्ट्रीय जनता दल के साथ वामपंथी दलों ने बंद का समर्थन किया है और रांची समेत अनेक शहरों में इसके समर्थन में प्रदर्शन किए।
गुजरात : विपक्षी दलों का प्रदर्शन, हाईवे को किया जाम
भारत बंद के समर्थन में प्रदर्शनकारियों ने गुजरात के ग्रामीण इलाकों में तीन राजमार्गों को बाधित किया और मार्ग पर जलते हुए टायर रख दिए। इससे मार्ग पर वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई। कांग्रेस पार्टी से जुड़े प्रदर्शनकारियों ने अहमदाबाद को विरमगाम से जोड़ने वाले राजमार्ग को साणंद के पास बाधित किया। प्रदर्शनकारियों के एक अन्य समूह ने वडोदरा में राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित किया। एक अन्य मामले में प्रदर्शनकारियों ने भरूच और दाहेज को जोड़ने वाले राजमार्ग को नंदेलाव के पास बाधित किया। एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने अहमदाबाद में प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया और स्थिति को नियंत्रण में किया। भारत बंद को देखते हुए राज्य सरकार ने धारा 144 लगाई है जिसके तहत चार से अधिक लोगों के एकत्रित होने पर प्रतिबंध है।