एक दिन के भारत बंद से देश में करीब 25 से 30 हजार करोड़ रुपए का नुकसान होने की आशंका है। विशेषज्ञों की राय में इससे आम लोगों से ज्यादा नुकसान दिहाड़ी कामगारों पर पड़ेगा जिसकी भरपाई संभव नहीं हो पाएगी। वहीं बाकी का नुकसान आने वाले दिनों में पूरा किया जा सकेगा।
पूर्व सांख्यिकीविद और आर्थिक मामलों को जानकार प्रणव सेन ने ‘हिन्दुस्तान’ को बताया है कि आम तौर पर एक दिन कारोबार ठप हुआ तो 25-30 हजार करोड़ रुपए का नुकसान देखा जाता है। उन्होंने कहा कि भारत बंद किसानों के आंदोलन का बड़े स्तर पर एक सांकेतिक प्रदर्शन है ऐसे में इससे बहुत बड़ा नुकसान नहीं होगा। साथ ही जो आर्थिक हालात में एक दिन के ठहराव से मुश्किल आएगी उसकी भरपाई अगले 6-7 दिन में आसानी से हो जाएगी।
उनके मुताबिक सबसे ज्यादा मुश्किल रोज कमाकर खाने वालों को उठाना पड़ेगा। ऐसे लोगों की बंद के चलते कोई कमाई नहीं हुई होगी और अपनी जरूरतों पर खर्च तो हुआ ही होगा। हालांकि प्रणव सेन ने ये भी कहा कि प्रदर्शन लंबा खिंचा या फिर इस मामले का कोई हल नहीं निकला तो आने वाले दिनों में इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है।
आर्थिक विशेषज्ञ देवेंद्र कुमार मिश्रा के मुताबिक ऐसी घटनाओं से देश की कमाई और खर्च दोनों एक दिन पीछे चला जाएगा। कोरोना के बाद धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रही अर्थव्यवस्था के लिए ये ब्रेकर की तरह है। इसके जरिए लोगों का ट्रांसपोर्टेशन, दूसरी सेवाएं बंद है साथ ही खरीदारी भी पूरी तरह ठप है। ऐसे में जीएसटी संग्रह के आंकड़ों पर भी बंद का असर दिखाई दे सकता है। उन्होंने ये भी कहा कि देश की इकोनॉमी की कमाई का औसत प्रभावित होगा जो निश्चित तौर पर जीडीपी पर भी ये असर दिखाएगा।