केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों और सरकार के बीच आठवें दौर की बातचीत का नतीजा भी वही हुआ जो अब तक होता रहा यानी दोनों पक्ष अपने रुख पर अड़े रहे और सहमति नहीं बन पाई। कई बैठकों में हां या ना में जवाब की मांग वाला पोस्टर दिखाते रहे किसान तीनों कानूनों को वापस लिए जाने की मांग करते रहे, जबकि सरकार ने फिर दोहराया कि वह संशोधन को तैयार है। इस दौरान एक किसान नेता ने कॉपी पर लिखकर जो संदेश दिया वह किसानों के रुख को साफ करने के लिए काफी है। किसान नेता ने लिखा- मरेंगे या जीतेंगे।