महाबीर सिंह की दिखाई राह पर चल रहे किसान, जीतकर ही करेंगे घर वापसी

कितलाना टोल पर 57वां दिन बलिदान दिवस रूप में मनाकर किसानों ने भरी हुंकार


प्रदेश के पहले किसान आंदोलन में पुलिस की गोली के शिकार लोहारू के शहीद महाबीर सिंह ने किसानों को जो राह दिखाई थी आज देश के अन्नदाता उसी पर अग्रसर हैं। यह बात वक्ताओं ने कितलाना टोल पर चल रहे किसानों के अनिश्चित कालीन धरने को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि किसानों ने ठान लिया है कि सरकार जिस मर्जी ताकत का इस्तेमाल करले लेकिन तीन काले कानून रद्द होने तक घर वापसी नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार को एमएसपी की गारंटी देनी ही होगी। कितलाना टोल पर महाबीर सिंह की पुण्यतिथि पर आज उनकी याद में बलिदान दिवस के रूप में मनाया गया। वक्ताओं ने कहा संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर कल रेल रोको अभियान पूर्णतया शांतिपूर्ण और सफल रहा। इसमें इलाके की सभी खाप, किसान, सामाजिक, व्यापारी और कर्मचारी संगठनों ने एकजुटता का जो नजारा पेश किया वह अविस्मरणीय है। उन्होंने कहा कि सरकार लंबा खींचकर आंदोलन को तोड़ना और बांटना चाहती है लेकिन इसमें सफल नहीं होगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गरीब वर्ग पर कतई ध्यान नहीं है और महज अपने पूंजीपति मित्रों को और धनवान बनाना चाहते हैं। दादरी से निर्दलीय विधायक और खाप 40 के प्रधान सोमबीर सांगवान ने कहा कि आंदोलन अब चरम सीमा पर है और किसानों की जीत तय है। उन्होंने कहा कि आंदोलन का ना मंच बदलेगा ना पंच बदलेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा जो भी आदेश उसका कड़ाई से पालन किया जाएगा। कितलाना टोल पर 57वें दिन धरने की नरसिंह डीपीई, रणधीर कुंगड़,बलबीर बजाड़, राजू मान, कमल प्रधान, पूर्व सरपंच महाबीर मकड़ानी, दिलबाग ग्रेवाल ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने दादरी में बिंदर हत्याकांड की निंदा करते हुए कहा कि पुलिस मामले को रफादफा करना चाहती है जो सहन नहीं होगा। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने सभी दोषियों को गिरफ्तार कर, पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद करने के साथ एक परिजन को सरकारी नौकरी नहीं दी तो कड़े कदम उठाने को मजबूर होंगे।  धरने का मंच संचालन कामरेड ओमप्रकाश ने किया। इस अवसर पर गंगाराम श्योराण, राकेश आर्य, दिलबाग ढुल, अजित सिंह सांगवान,प्रोफेसर राजेन्द्र डोहकी, लवली सरपंच, पूर्व सरपंच नरेंद्र फतेहगढ़, सुभाष यादव, पूर्व सरपंच रामानंद डोहका मौजी, पूर्व सरपंच कर्ण सिंह, अशोक शर्मा, रणधीर घिकाड़ा, शमशेर सांगवान, सुखदेव पालुवास, दलीप सिंह सांगवान, प्रताप सिंहमार, अनिल शेषमा इत्यादि मौजूद थे। आज भी टोल फ्री रहा।

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