बीते कुछ समय भारत में कोरोना का रफ्तार कम हुई थी लेकिन अब फिर से इसने तेजी पकड़ ली है। खासकर महाराष्ट्र में कोरोना महामारी की एक दूसरी लहर देखने को मिल रही है। राज्य में कोविड -19 की स्थिति का अध्ययन करने के लिए भेजी गई केंद्रीय टीम ने बताया कि यहां सक्रिय रूप से ट्रैक, टेस्टिंग, क्वारंटाइन और संगरोध संपर्कों के लिए सीमित प्रयास किए गए हैं। टीम ने सुझाव दिया है कि हर एक कोरोना पॉजिटिल व्यक्ति के लिए कम से कम 20 से 30 करीबी कॉन्टैक्ट्स (परिवार के सदस्यों, दोस्तों, सहकर्मियों) को ट्रैक करने की जरूरत है।
टीम ने बताया कि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में लोग कोविड नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। केंद्रीय टीम ने अनुमान लगाया कि प्रशासन को कोविड को रोकने के लिए अगस्त-सितंबर 2020 जैसे ही प्रतिबंध लगाने की जरूरत है।
इससे पहले भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक कंसोर्टिया के शोधकर्ताओं ने राज्य से 10% से कम नमूनों में E484K म्यूटेशन पाया है। ये म्यूटेशन शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को चकमा देने में Sars-CoV-2 वायरस की मदद करता है।
बिगड़ रहे इन राज्यों के हालात
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, 5 राज्यों महाराष्ट्र, पंजाब, कर्नाटक, गुजरात और तमिलनाडु में कोविड-19 के नए मामले सबसे ज्यादा बढ़ रहे हैं। सोमवार के डेटा के अनुसार, पिछले 24 घंटों में कुल नए केस में 78.41 प्रतिशत मामले इन्हीं राज्यों के थे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि देश में संक्रमण के बढ़ते मामलों का प्रमुख कारण उचित कोविड व्यवहार में लापरवाही करना है। कोरोना के दोबारा बढ़ते खतरे और वैक्सीनेशन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को एक बार फिर सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करेंगे।