ब्रह्माकुमारीज कादमा- झोझूकलां के तत्वावधान में महाशिवरात्रि महोत्सव एवं महिला सशक्तिकरण के साप्ताहिक कार्यक्रमों का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं शिव ध्वजारोहण के साथ झोझूकलां के सेठ किशनलाल वाले मंदिर में बड़ी धूमधाम से किया गया जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ दिव्य गीतों एवं प्रवचनों का विशेष आकर्षण रहा। ब्रह्माकुमारी उर्मिला, ब्रह्माकुमारी वसुधा बहन, डॉ एकता पंवार, बहन मंजू वत्स, प्रोफेसर संगीता ने दीप प्रज्वलन कर किया।
इस अवसर पर माउंट आबू राजस्थान से पधारी राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी उर्मिला बहन ने महाशिवरात्रि का आध्यात्मिक रहस्य स्पष्ट करते हुए कहा कि परमपिता परमात्मा शिव कल्याणकारी हैं जो हम सभी मनुष्य आत्माओं को काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार ,ईर्ष्या ,द्वेष, घृणा, आलस्य आदि विकारों से दिव्य ज्ञान द्वारा छुटकारा दिला मनुष्य से देवता बनाने का कार्य करते हैं। उन्होंने कहा की स्वयं भू, अजन्मा, निराकार परमपिता परमात्मा शिव का दिव्य जन्मोत्सव ही शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है।
बहन उर्मिला ने महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा की परचिंतन, प्रदर्शन ,व्यर्थ की बातों को छोड़ अगर महिला पारिवारिक मूल्यों को अपनाएं तो अवश्य ही हम समाज को दिव्य व श्रेष्ठ बना सकते हैं क्योंकि महिला परिवार की धूरी है। उन्होंने कहा कि एक महिला में वह शक्ति है जो परिवार को जोड़ें रख सकती है लेकिन यह तभी संभव है जब अध्यात्म को अपना अपनी आंतरिक शक्तियों का विकास करें।
इस अवसर पर सीएचसी झोझू की मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर एकता पंवार ने महिला सशक्तिकरण पर बोलते हुए कहा कि आज महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं बड़ी खुशी की बात है लेकिन आज आवश्यकता है महिलाओं को अपनी शक्तियों का सकारात्मक प्रयोग कर अपने बच्चों को सुसंस्कारित बनाने की। झोझूकलां क्षेत्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी वसुधा बहन ने सभी का स्वागत करते रहे कहा कि परमपिता परमात्मा शिव एवं मातृशक्ति के दिन पर हम सभी ने दृढ़ संकल्प के साथ समाज को नई दिशा देने का कार्य करना चाहिए तभी नव निर्माण होगा। उन्होंने कहा कि झोझूकलां व बाढड़ा खंड के विभिन्न गांवों में महाशिवरात्रि एवं महिला विषय को लेकर के सप्ताह भर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
भारत विकास परिषद की बेटी बचाओ प्रकल्प की प्रांतीय संयोजिका बहन मंजू वत्स ने कहा कि बेटा बेटी को एक समान दर्जा दे समाज को उन्नति की ओर ले जा सकते हैं । तभी हम नए भारत की कल्पना कर सकते हैं। महिला शिक्षण महाविद्यालय झोझूकलां की प्रोफेसर संगीता ने कहा कि मातृशक्ति आध्यात्मिक और मानवीय मूल्यों को जीवन में धारण करें तो परिवार को एक सूत्र में बांध सकते हैं। इस मौके पर नन्हे-मुन्ने बच्चों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी ब्रह्माकुमारी पूजा, नीलम ,सुशीला, रेखा व पूनम बहन का विशेष सहयोग रहा। इस अवसर पर सैकड़ों भाई बहन ने उपस्थित थे। मंच का कुशल संचालन ब्रह्माकुमारी ज्योति बहन ने किया।