रेवाड़ी जनपद निवासी माउंट एवरेस्ट विजेता आशा झाझड़िया ने नव वर्ष के आगमन के साथ अपने जीवन की एक और बड़ी उपलब्धि अपने नाम की है। 22 मई 2017 को 39 वर्ष की उम्र में दो बच्चों की मां होते हुए भी इस दुबली पतली, नौकरी पेशा, हिम्मत वाली स्त्री ने अपनी व्यवस्थाओं व आर्थिक तंगीयों को मात देते हुए विश्व के सर्वोच्च शिखर माउंट एवरेस्ट 8848.86 मीटर की ऊंचाई पर 2 वर्ष के कठिन परिश्रम के बाद प्रथम प्रयास में ही फतेह हासिल की।अपने तिरंगे के साथ-साथ “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” और “महिला सशक्तिकरण” का स्लोगन फहराया एवं भारत का पूरे विश्व में सम्मान बढ़ाया।अब 42 वर्ष की उम्र में उन्होंने सिंघानिया विश्वविद्यालय, पचेरी, झुंझुनू, राजस्थान से प्रोफेसर उमाशंकर यादव के कुशल निर्देशन में अंग्रेजी साहित्य में शोध कार्य कर पीएचडी की उपलब्धि प्राप्त की है।उनकी इस बड़ी उपलब्धि पर सभी परिवारजनों शुभचिंतकों एवं मित्रों को गर्व है। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने गुरु प्रोफेसर डॉ उमाशंकर, पति अजय सिंह एएसआई हरियाणा पुलिस रेवाड़ी, अपने बच्चे प्रेरणा और तन्मय एवं प्रोफेसर सूर्यपाल यादवको दिया है। नववर्ष की पूर्व संध्या पर सिंघानिया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ उमाशंकर यादव ने उन्हें पीएचडी की उपलब्धि से अलंकृत किया और बधाई दी। उनकी इस उपलब्धि पर अनेक सामाजिक संगठनों, मित्रों एवं सहयोगियों ने बधाई के साथ सम्मानित किया ।