कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए मास्क एक कारगर उपाय है, लेकिन बड़ी संख्या में लोग अभी भी बाहर निकलते समय मुंह-नाक को ढंकने से बच रहे हैं। ऐसे में देश के अलग-अलग हिस्सों में मास्क नहीं पहनने वालों पर 50 रुपए से लेकर 5000 रुपए तक जुर्माना वसूल किया जा रहा है। ऐसे में हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में तो गिरफ्तारी का आदेश भी दिया गया है।
सिरमौर के एसपी ने शुक्रवार को बताया, ”कोई भी व्यक्ति जो मास्क नहीं पहने होगा, उसकी बिना वारंट गिरफ्तारी की जा सकती है। दोषी पाए जाने पर 8 दिन तक की जेल या 5000 रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
इससे पहले हिमाचल प्रदेश के कल्लू में जिला प्रशासन ने में भी मास्क न पहनने पर जुर्माना राशि को बढ़ा दिया गया है। यहां सार्वजनिक स्थानों पर बिना मास्क के पाए जाने पर 5000 रुपए तक का जुर्माना लगाया जाएगा। पहले यह जुर्माने की राशि 1000 रुपए थी। कुल्लू जिला प्रशासन ने कहा, “प्रदेश में सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना अनिवार्य है। आदेश की अवहेलना करने वाले लोगों पर पहले 1000 रुपये का जुर्माना लगाया जाता था जिसे बढ़ाकर 5000 रुपये किया जा सकता है।”
हिमाचल प्रदेश में कोरोना के बढ़ते कहर के चलते पिछले 24 घंटों में बारह लोगों की मौत हो गई है। इसी के साथ राज्य में अब तक कोरोना से मरने वालों की संख्या बढ़कर 601 पहुंच गई है। पिछले चौबीस घंटों में कोरोना के 162 नए पाजिटिव मामले आए हैं और 313 लोगों ने कोरोना को मात दी है। शुक्रवार सुबह हमीरपुर व कुल्लू जिले के चार कोरोना संक्रमितों की मौत हुई है।
गुरुवार को यहां सबसे अधिक 931 कोरोना के मामले प्रदेश में आए थे जबकि 913 लोग कोरोना से ठीक भी हुए थे। इस अवधि में 14 लोगों की मौत हुई थी। शिमला और बिलासपुर में 19-19, सोलन में 25, हमीरपुर में 17, कांगडा में एक, किन्नौर में सात और सिरमौर में दो मामले आए हैं। इन नए 162 मामलों के बाद प्रदेश में अब कोरोना का कुल आंकड़ा 37 हजार 659 पहुंच गया है जिनमें 7 हजार 715 मामले अभी भी एक्टिव है। प्रदेश में अब तक कोरोना से 29 हजार 306 मरीज कोरोना को मात दे चुके हैं।
हाल ही में एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 वैश्विक महामारी को इतना विकराल रूप लेने से रोका जा सकता था, अगर 70 प्रतिशत लोगों ने भी लगातार मास्क पहना होता। एक अध्ययन में इसके साथ ही कहा गया है कि आम कपड़े से भी लगातार मुंह ढकने से संक्रमण फैलने की दर कम हो सकती है। मास्क बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री और उसे पहनने की अवधि के उसके असर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के संबंध में किए गए अध्ययनों की समीक्षा में यह बात सामने आई है।