जल के बिना जीवन की कल्पना भी संभव नहीं : डॉ ‘मानव’
रणघोष अपडेट. नारनौल्
मिशन महेंद्रगढ़ अपना जल संगठन द्वारा जल-संरक्षण हेतु चलाये जा रहे अभियान के तहत सैक्टर-1, पार्ट-2 स्थित अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक केंद्र मनमुक्त भवन में जल-संरक्षण एवं सड़क-सुरक्षा पर केंद्रित विचार-संगोष्ठी का आयोजन किया गया तथा संगोष्ठी के पश्चात् जीवन-सुरक्षा हेतु वाहनों को रिफ़्लेक्टर लगाये गये। संगठन की सदस्य डॉ कृष्णा आर्या के संयोजन में आयोजित इस संगोष्ठी में अनेक साहित्यकारों, शिक्षाविदों और प्रबुद्ध नागरिकों ने सहभागिता की तथा जल-संरक्षण और सड़क-सुरक्षा हेतु सभी आवश्यक कदम उठाने का संकल्प लिया। संगोष्ठी के प्रारंभ में डॉ कृष्णा आर्या ने जिला उपायुक्त डॉ जयकृष्ण आभीर द्वारा चलाये जा रहे मिशन महेंद्रगढ़ अपना जल अभियान के कार्यों और योजनाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला तथा उपस्थित लोगों को सड़क-सुरक्षा की शपथ दिलाई। डॉ आर्या ने बताया की मिशन महेंद्रगढ़ अपना जल संगठन का गठन जून, 2022 में जिला उपायुक्त महोदय द्वारा जिले में पानी की कमी और गिरते भूजल-स्तर को देखते हुए किया गया था, जिसमें बच्चों, बूढ़ों, जवानों तथा महिलाओं सहित सभी नागरिक बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं और सभी के समन्वित प्रयासों से जिला महेंद्रगढ़ का जल-स्तर ऊपर उठने की पूरी संभावना है। तत्पश्चात् जल और जल-संरक्षण के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए मनुमुक्त ‘मानव’ मेमोरियल ट्रस्ट के चीफ ट्रस्टी और सिंघानिया विश्वविद्यालय, पचेरी बड़ी (राजस्थान) में हिंदी-विभाग के प्रोफेसर एवं अध्यक्ष डॉ रामनिवास ‘मानव’ ने कहा कि जल को जीवन माना जाता है, क्योंकि जल के बिना जीवन की कल्पना भी संभव नहीं है। उन्होंने पानी और पर्यावरण पर केंद्रित दोहे भी पढ़े। उनके दोहों की बानगी देखिये- पानी पर पहरा लगा, फिरे भटकती प्यास। दुनिया अब करने लगी, जीवन का उपहास।। पहले पानी, फिर हवा, बिके बदलकर रूप। बिकने को बाजार में, अब आयेगी धूप।। डाॅ कांता भारती, डॉ जितेंद्र भारद्वाज, डॉ पंकज गौड़, दलजीत गौतम, डॉ महताब सिंह और प्रो अंजू निमहोरिया के अतिरिक्त रेवाड़ी के प्रो मुकुट अग्रवाल और राजेश भुल्लकड़ ने भी संगोष्ठी में अपने विचार व्यक्त किये तथा जल-संरक्षण और सड़क-सुरक्षा पर जोर दिया ।