असम की कमान आखिरकार हिमंत बिस्व सरमा को मिल ही गई। पूर्वोत्तर राज्य में बीजेपी की उभार में मुख्य भूमिका निभाने वाले सरमा आज मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। असम में पिछले कई दिनों से मुख्यमंत्री के नाम को लेकर माथापच्ची चल रही थी। सरमा के अलावा निवर्तमान मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल भी इस पद की रेस में थे। लेकिन आखिरी वक्त में सरमा के तुरुप का इक्का काम कर ही गया। गुवाहाटी प्लस के मुताबिक सरमा ने दिल्ली में हाईकमान से कहा कि अगर उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया तो वह कोई पद नहीं लेंगे। वे अपने निर्वाचन क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करेंगे। आलाकमान से उन्होंने यह भी कहा था कि अगर शीर्ष पद सर्बानंद सोनोवाल को जाता है, तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है और वह मंत्रालय में कोई भी पद नहीं लेंगे और अकेले अपने निर्वाचन क्षेत्र तक ही सीमित रहेंगे।
इस बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता पीयूष हजारिका ने कहा कि उन्होंने भाजपा नेतृत्व को एक सूची पेश की जिसमें दिखाया गया कि सरमा को 60 के कुल में से 45 विधायकों का समर्थन प्राप्त था।