बांग्लादेश के दो दिवसीय दौरे के दौरान ढाका में शुक्रवार को पीएम मोदी ने कहा कि बांग्लादेश की आजादी के लिए संघर्ष में शामिल होना, मेरे जीवन के भी पहले आंदोलनों में से एक था। मेरी उम्र 20-22 साल रही होगी जब मैंने और मेरे कई साथियों ने बांग्लादेश के लोगों की आजादी के लिए सत्याग्रह किया था। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की आजादी के इतिहास को याद करते हुए कहा कि बांग्लादेश की आजादी की लड़ाई को इंदिरा गांधी का योगदान सर्वविदित है।
पीएम मोदी ने कहा कि बांग्लादेश के स्वाधीनता संग्राम को भारत का समर्थन प्राप्त था। पीएम मोदी ने कहा कि आज के दिन उन लोगों की जो स्वतंत्रता के लिए संघर्ष कर रहे थे और भारतीय सैनिकों का लहू एक साथ बहा था। यह खून ऐसा संबंध बनाएगा जो किसी भी दबाव में और किसी भी कूटनीति से नहीं टूटेगा। उन्होंने कहा कि आज मैं उन बहादुर भारतीय जवानों को सलाम करता हूं जिन्होंने मुक्तियुद्धो में बांग्लादेश के भाई और बहनों के साथ खड़े हुए थ।. मुझे इस बात की खुशी है कि कई भारतीय सैनिक जो उस समय बांग्लादेश के विभाजन में शामिल थे वे आज इस मौके पर मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि शेख मुजीबुर रहामान ने अपना जाना न्योछावर किया। पीएम मोदी ने कहा कि बांग्लादेश के 50 उद्यमियों को बांग्लादेश की आजादी की 50वीं वर्षगांठ पर भारत आने का न्यौता देता हूं। पीएम ने कहा कि मुझे खुशी है कि शेख हसीना के नेतृत्व में बांग्लादेश अपना दमखम दिखा रहा है। उन्होंने कहा कि गरीबी, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए बांग्लादेश और भारत की लड़ाई एक है। उन्हें इस बात का विश्वास है कि दोनों देश इससे पार पाएगा।