केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह का दबदबा रहा लेकिन सभी को साथ लेकर चलने का संघर्ष भी दिखा
रणघोष खास. पूनम यादव
भाजपा जिला अध्यक्ष हुकम चंद यादव को नई टीम बनाते समय पार्टी के अंदर- बाहर की राजनीति का गणित पूरी तरह से समझ में आ गया। वे यह भी समझ गए कि जिला अध्यक्ष का पद दिखने में शान शौकत वाला है असल में सबको साथ लेकर चलने का रास्ता पूरी तरह कांटों से भरा हुआ है। यह जो टीम बनी है इसमें पूरी तरह किसी भी सीनियर्स नेता एवं पदाधिकारी की नहीं चली। सभी का थोड़ा- थोड़ा ध्यान रखा गया है। इसलिए सार्वजनिक तौर पर पार्टी के विधायक- मंत्री व सीनियर नेता नए संगठन का स्वागत कर रहे हैं लेकिन अंदरखाने ऑफ दा रिकार्ड अपनी भड़ास निकालने में पीछे नहीं है।
शुरूआत करते हैं जिला उपाध्यक्ष पद से। छह को यह जिम्मेदारी मिली है। इसमें केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह एवं राज्य के कैबिनेट मंत्री डॉ. बनवारीलाल की तरफ से रामदत भारद्वाज, अजय पटौदा को लिया गया है। भूपेंद्र कुमार गुप्ता, अजय कांटीवाल पर सीधा अजय कांटीवाल का आशीर्वाद था। सुनील ग्रोवर एवं अमित यादव संगठन के पुराने चेहरों के साथ हरको बैंक के चेयरमैन अरविंद यादव के पैनल से आए थे। महामंत्री पद में यशवंत भारद्वाज पहले ही जिला अध्यक्ष की टॉप सूची में थे एवं ईश्वर चनेजा राव इंद्रजीत सिंह की लिस्ट से चुने गए हैं। जिला मंत्री के लिए छह को जगह दी गई है जिसमें तीन महिलाएं हैं। कुलदीप चौहान, चांदनी चांदना, मुकेश यादव एवं मौसमी देवी राव इंद्रजीत सिंह, डॉ. बनवारीलाल एवं विधायक लक्ष्मण सिंह यादव की सूची से चयनित हुए हैं। ऊषा आर्य भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता वीर कुमार यादव की अनुशंसा पर टीम में बनाई गईं। डॉ. सुभाष यादव पुराने कार्यकर्ता की वजह से सभी की सहमति थी। कोषाध्यक्ष पद पर अरविंद यादव अपनी टीम से जिला पार्षद रोहन यादव को जिम्मेदारी दिलाने में कामयाब रहे। मीडिया प्रभारी में बिजेंद्र यादव डहीना कोसली विधायक लक्ष्मण सिंह यादव एवं पूर्व मंत्री चौधरी जसवंत सिंह, सुनील यादव मुसेपुर की पंसद से चुने गए। नवीन कुमार शर्मा पहले ही मीडिया आईटी को संभाल रहे थे। प्रीतम चौहान पार्टी के सीनियर पदाधिकारी होने की वजह से संगठन के तौर पर किसान मोर्चा जिला अध्यक्ष बनाए गए। युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष पद के लिए भी रामपुरा की तरफ से संदीप वोहरा को जिम्मेदारी मिली है। इसी तरह महिला मोर्चा में जिला अध्यक्ष बनी पिंकी यादव भी राव इंद्रजीत सिंह एवं डॉ. बनवारीलाल की पंसद थी। कुल मिलाकर राव इंद्रजीत सिंह जिले की टीम में अपना दबदबा बनाने में कामयाब रहे लेकिन संगठन के तौर पर उनके विरोधियों को भी निराश नहीं किया गया। प्रदेश हाईकमान एवं जिला अध्यक्ष ने संतुलन की स्थिति बनाए रखने में प्रयास किए लेकिन दबी जुबान में विरोध के स्वर भी उठ रहे हैं। भाजपा में रहकर अपने अंदाज की राजनीति कर रहे सतीश खोला ने कहा कि जो जिला अध्यक्ष ने घोषित किया वह उन्हें मंजूर है। उन्होंने अपनी तरफ से किसी का नाम नहीं दिया था।