रणघोष खास. सुभाष चौधरी
पंजाब- हरियाणा हाई कोर्ट की तरफ से शुक्रवार को 15 मार्च 2021 को हरियाणा चुनाव आयोग द्वारा धारूहेड़ा नगर पालिका चेयरमैन बने कंवर सिंह की दसवीं की मार्क्स सीट को फर्जी करार देने के आदेश को रद्द करने के बाद तस्वीर पूरी तरह से बदल गई है। कोर्ट की कार्रवाई के बाद चुनाव आयोग पूरी तरह से बैकफुट पर आ गया है। उसने शुक्रवार शाम एक नया आदेश जारी कर धारूहेड़ा उपचुनाव से जुड़े सभी आदेशों को वापस ले लिया है। पत्र में आयोग ने साफ लिखा है कि वह चुनाव को लेकर जारी नोटिफिकेशन को वापस ले रही है। साथ ही चुनाव प्रक्रिया पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। यहां तक की चुनाव मैदान में उतरे प्रत्याशियों की तरफ से नामाकंन भरते समय जमा कराई फीस को वापस करने के आदेश भी स्थानीय अधिकारी को दिए हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि आयोग कोर्ट के इस फैसले को कोई चुनौती नहीं देगा। हालांकि कोर्ट की तरफ से यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि कंवर सिंह की मार्क्स सीट वैध या फर्जी है। कानून के जानकारों की माने तो आयोग चाहता तो कोर्ट के इस कार्रवाई के खिलाफ डबल बैंच या सुप्रीम कोर्ट में जा सकता था। उसके पास इसके लिए समय था। ऐसे में वह नोटिफिकेशन कार्रवाई को वापस भी नहीं करता। प्रत्याशियों की जमा प्रतिभूति राशि को लौटाने का मतलब धारूहेड़ा उपचुनाव को पूरी तरह से रद्द करना है। जिला निर्वाचन अधिकारी एवंउपायुक्त यशेंद्र सिंह ने भी जारी प्रेस नोट में साफ कर दिया हैं कि हरियाणा राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा रेवाड़ी जिला की नगर पालिका, धारूहेड़ा के प्रधान पद के लिए 12 सितंबर को होने वाले उपचुनाव की अधिसूचना रद्द कर दी है। उन्होंने बताया कि राज्य निर्वाचन आयुक्त धनपत सिंह के आदेशानुसार जिन उम्मीदवारों ने उपचुनाव के लिए जमानत राशि के साथ नामांकन दाखिल किया था उन सभी की जमानत राशि रिफंड कर दी जाएगी। राज्य निर्वाचन आयुक्त धनपत सिंह ने माननीय पंजाब एवं हरियाणा हाइकोर्ट के आदेशों की अनुपालना में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243 जेडए की धारा (1), हरियाणा म्यूनिसिपल एक्ट, 1973 के अनुभाग तीन ए व हरियाणा म्यूनिसिपल चुनाव नियम, 1978 में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए धारूहेड़ा नगर पालिका में उपचुनाव से संबंधित जारी गतिविधियों पर रोक लगा दी। इसके साथ ही आयोग ने उपचुनाव से संबंधित बीती 19 अगस्त को जारी उपचुनाव से संबंधित अधिसूचना से धारूहेड़ा को अलग कर दिया।