राजधानी दिल्ली में वर्क फ्रॉम होम नीति लागू, पहले ही दिन दफ्तरों द्वारा नहीं किया गया अनुपालन

कोरोना संक्रमण को देखते हुए दिल्ली सरकार द्वारा 1 दिसंबर से वर्क फ्रॉम होम नीति लागू कर दी गई है। लेकिन मंगलवार को बेहद कम दफ्तरों द्वारा इसका अनुपालन किया गया। आदेश लागू होने के पहले ही दिन केवल कुछ ही सरकारी विभागों द्वारा वर्क फ्रॉम होम नीति को अपनाया गया जबकि, अन्य हमेशा की तरह दफ्तर से ही काम करते रहे।

कई विभागों ने अभी तक भी इस नीति को नहीं अपनाया है और कई विभाग ऐसे हैं जो अभी तक भी  यह सुनिश्चित नहीं कर पा रहे हैं कि आखिर इसे कैसे लागू किया जाए। सेवा विभाग, जनरल एडमिनिस्ट्रेशन और सर्विलांस जैसे विभागों ने अपने अधिकांश कर्मचारियों को वैकल्पिक दिनों में काम करने के लिए सोमवार से डब्ल्यूएफएच रोस्टर शुरू किया है।

शनिवार को उपराज्यपाल द्वारा प्रस्ताव को मंजूरी दी गई:

शनिवार को, दिल्ली सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए एक प्रस्ताव तैयार किया गया था, जिसमें कहा गया था कि सोशल डिस्टेनसिंग कायम रखने के लिए केवल 50 फीसदी स्टाफ को ही दफ्तर बुलाया जाए। बाकी बचे हुए 50 फीसदी कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए कहा गया था। शनिवार शाम उपराज्यपाल द्वारा इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई थी। सोमवार, 1 दिसंबर से यह व्यवस्था दफ्तरों में लागू कर दी गई है।

वरिष्ठ अधिकारी ने इस नीति से सार्वजनिक सेवाओं में आने वाली बाधाओं का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यह वर्क फ्रॉम होम नीति, स्वास्थ्य, जिला प्रशासन, होमगार्ड, सिविल डिफेंस, जेल कर्मचारियों और जल विभाग जैसे विभागों पर लागू नहीं होगी।

एक अधिकारी ने बताया कि ड्राइविंग लाइसेंस, आय और जाति, प्रमाण पत्र या उप-पंजीयक कार्य जैसी सभी सेवाएं सुचारू रूप से चलती रहेंगी। उन्होंने आगे कहा कि वर्क फ्रॉम होम नीति के कारण, प्रतीक्षा समय बढ़ने की पूरी संभावना है। जैसे- ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने का समय पहले से ही एक से दो महीने के आसपास है लेकिन अब हो सकता है लोगों को अब और भी ज्यादा इंतजार करना पड़े।

दिल्ली सरकार के कर्मचारी कल्याण संघ के महासचिव उमेश बत्रा ने बताया कि शिक्षा विभाग ने मंगलवार शाम को बैठक बुलाई गई थी, जिसमें वर्क फ्रॉम होम नीति के तहत कैसे काम होगा इसपर चर्चा की गई थी। उन्होंने कहा, “शिक्षा, श्रम और खाद्य और नागरिक आपूर्ति जैसे कईं विभाग ऐसे हैं जिसके बहुत से कर्मचारी अप्रत्यक्ष रूप से कोविड-19 सेवाओं में लगे हुए हैं।”

पहले भी लागू की गई थी डब्लूएफएच नीति:

दिल्ली सरकार ने लॉकडाउन के दौरान एक नीति लागू की थी, जिसमें कहा गया था कि अधिकांश विभागों में 30 जून तक केवल 50 फीसदी कर्मचारियों को ही काम करने की अनुमति होगी। जब जुलाई में लॉकडाउन हटाया गया उसके बाद यह नीति भी खत्म होती चली गई।

एचटी द्वारा फाइल की गई एक आरटीआई के अनुसार, दिल्ली सरकार के 2,487 कर्मचारियों को मार्च से 13 अक्टूबर के बीच कोविड-19 से जुड़े कामों के लिए अनुबंधित किया गया था, जिसमें से 89 कर्मचारी ऐसे थे जो कोरोना संक्रमित हो गए थे।

बता दें, राजधानी दिल्ली इस वक्त कोविड-19 की तीसरी लहर से गुजर रही है। 11 नवंबर को एक दिन में 8,593 मामलें दर्ज किए गए थे, जिसमें 18 नवंबर को एक दिन में होने वाली सबसे अधिक 131 मौतें दर्ज की गई थी।

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