एनएसयूआई द्वारा राजस्थान के सभी कॉलेजों में अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा इकठ्ठा करने का पंद्रह दिवसीय अभियान शुरू किया गया है. कई अन्य राज्यों में भाजपा और एबीवीपी द्वारा इसी तरह की मुहिम चलाई जा रही है.
रणघोष अपडेट. जयपुर
राजस्थान की राजधानी में एक ऐसा कदम, जिसके लिए कांग्रेस पर ‘सॉफ्ट हिंदुत्व’ को बढ़ावा देने के आरोप लग सकते हैं, तब नजर आया जब पार्टी कीयुवा इकाई नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा इकठ्ठा करने का अभियान शुरू किया। एनएसयूआई ने में छात्रों से आर्थिक सहयोग जुटाने लिए ‘एक रुपया राम के नाम’ मुहिम शुरू की है. भाजपा और आरएसएस की छात्र इकाई एबीवीपी द्वारा इसी तरह के अभियान कई राज्यों में चलाए जा रहे हैं। हालांकि कांग्रेस के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष पवन बंसल ने ऐसे किसी अभियान से अनभिज्ञता जाहिर की है। कांग्रेस की छात्र शाखा एनएसयूआई के प्रदेशाध्यक्ष अभिषेक चौधरी ने जयपुर के जेएलएन मार्ग स्थित कॉमर्स कॉलेज से इसकी शुरुआत की। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार चौधरी ने कहा कि भाजपा और एबीवीपी राम मंदिर के लिए चंदा इकट्ठा करने के नाम पर लोगों को लूट रहे हैं। एनएसयूआई के प्रवक्ता रमेश भाटी ने कहा, ‘हम [भाजपा और एबीवीपी के कदम का] अपने अभियान से विरोध करेंगे क्यों राम मंडित सबकी आस्था का मामला है. लोगों से लाखों-करोड़ों रुपये लेना गलत है। संगठन ने कॉलेज में पहले दिन तीन सीलबंद बक्सों में छात्रों से मंदिर निर्माण के लिए राशि एकत्रित की. भाटी ने बताया कि इस 15 दिवसीय मुहिम के तहत राज्य के सभी कॉलेजों से धन एकत्रित किया जायेगा और एकत्रित राशि को अयोध्या में राम मंदिर प्रशासन को सौंपा जायेगा.वहीं दूसरी ओर प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में संवाददाताओं ने जब पवन बंसल से एनएसयूआई द्वारा धन जुटाने के अभियान के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि उन्हें ऐसे किसी मामले की जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि इतनी स्वायत्ता तो सबको होती है. लेकिन भाजपा ने जो किया है वह उसका हिस्सा नहीं है. मंदिर की नींव रखने के बाद भाजपा ने इसे अलग रंग दिया है. लोगो ने मुझसे भी संपर्क किया था लेकिन मैंने नहीं (चंदा) दिया। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस एक धर्मनिरपेक्ष पार्टी है. हम धार्मिक है और धर्म एक व्यक्तिगत आस्था का विषय है. जहां तक निजी आस्था का सवाल है, मैं हिंदू हूं लेकिन सार्वजनिक मसलों में हम उसी हिसाब से काम करते हैं, जो हमारा संविधान कहता है.