रणघोष अपडेट. राजस्थान से
पहली बार विधायक बने भजन लाल शर्मा ने शुक्रवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उनके साथ, दीया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा ने भी उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। तीनों को राज्यपाल कलराज मिश्र ने पद की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित भाजपा के शीर्ष नेताओं ने भाग लिया।समारोह से पहले शर्मा ने राज्य की राजधानी में मंदिरों में पूजा की और टोंक रोड पर पिंजरापोल गौशाला में गायों को खाना खिलाया। उनके साथ उनके परिवार के सदस्य और समर्थक भी थे। जयपुर में शपथ ग्रहण कार्यक्रम में उपस्थित लोगों में गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शामिल थे। शर्मा के शपथ ग्रहण समारोह में राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता वसुंधरा राजे भी मौजूद रहीं।बता दें कि छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश की तरह राजस्थान में भी बीजेपी ने सीएम के नाम पर चौंकाया है। इसने पहली बार विधायक बने भजन लाल शर्मा को राजस्थान का मुख्यमंत्री नियुक्त किया। जब इनके नाम की घोषणा हो रही थी तो वह विधायक दल की बैठक में पीछे की कतार में बैठे थे।भजन लाल शर्मा सांगानेर विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने हैं। वह राजस्थान के भरतपुर निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता हैं, लेकिन उन्हें वहां टिकट नहीं दिया गया क्योंकि समझा जाता है कि यह सीट तब जीतने लायक नहीं दिख रही थी। उन्होंने सांगानेर से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।हालाँकि, वह पहली बार विधायक बने हैं लेकिन वह राजस्थान में भाजपा के संगठनात्मक ढाँचे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहे हैं। वह संगठन के आदमी हैं। वह राज्य में भाजपा के सबसे लंबे समय तक रहे महासचिवों में से एक हैं। राजनीति में अपने शुरुआती दिनों में शर्मा भाजपा के वैचारिक संरक्षक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की छात्र शाखा, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद यानी एबीवीपी के साथ रहे हैं। उन्हें राजस्थान में किसी भी पार्टी गतिविधि के लिए सबसे आगे रहने वाले व्यक्ति के रूप में जाना जाता है। वह ऊंची जाति के नेता हैं, लेकिन लो प्रोफ़ाइल रहते हैं।भजन लाल शर्मा ने चार बार भारतीय जनता पार्टी के महासचिव के रूप में कार्य किया है। हाल ही में 2023 के राजस्थान विधानसभा चुनावों में उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार पुष्पेंद्र भारद्वाज को क़रीब 48000 मतों के अंतर से हराया।भजन लाल शर्मा को पार्टी के वैचारिक संरक्षक आरएसएस और उसके प्रमुख जेपी नड्डा का क़रीबी माना जाता है। उनके चुनावी हलफनामे के मुताबिक उनके पिता का नाम किशन स्वरूप शर्मा है। उन्होंने 1993 में राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर से एमए (राजनीति) पूरा किया।चुनावी हलफनामे में उन्होंने 1.5 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की, जिसमें 43.6 लाख रुपये की चल संपत्ति और 1 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति शामिल है।