जैसलमेर. पश्चिमी राजस्थान में एक बार फिर से फसलों पर टिड्डी के अटैक की आहट हो गई है. भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर स्थित जैसलमेर जिले के मोहनगढ नहरी क्षेत्र में 2019 के बाद इस साल फिर किसानों पर टिड्डी की आफत आने की आशंका बढ़ गई है. जैसलमेर जिले के मोहनगढ़ नहरी क्षेत्र के 13 पीडी इलाके में टिड्डी दल देखे गए हैं. इसके बाद से किसान चिंतित हो गए हैं. टिड्डी से बचाव के लिए किसानों ने खुद ही कीटनाशक का छिड़काव किया है. उसके बाद टिड्डी नियंत्रक दल को इसकी सूचना दी. सूचना पर टिड्डी नियंत्रक दल मौके पर पहुंचा है.
टिड्डी दल ने 4 अन्य जिलों की टीमों को भी मौके पर बुलाकर इलाके में केमिकल का छिड़काव शुरू करवाया है. जानकारी के अनुसार वर्ष 2019 में जो टिड्डी दल आए थे उसमें से कई टिड्डियों ने यहां अंडे दे दिए थे. उसके बाद बरसात होने के कारण आंतरिक प्रजनन के चलते टिड्डी फिर से वापस बाहर आ गई है. वहीं विभाग की अधिकारी यह कयास भी लगा रहे हैं कि हो सकता है यह टिड्डी दल पाकिस्तान से आया हो.
4 टीमों ने करीब 120 हेक्टेयर में कीटनाशक का छिड़काव किया
टिड्डी नियंत्रण विभाग की 4 टीमों ने एक दिन में करीब 120 हेक्टेयर में कीटनाशक का छिड़काव किया है. टिड्डी नियंत्रण दल की मानें तो फिलहाल टिड्डियों पर काबू पा लिया गया है. टिड्डी नियंत्रण दल का कहना कि फिलहाल टिड्डियां फसलों को नुकसान नहीं पहुंचा रही है. अभी टिड्डियां फाके के रूप में है. जल्द ही इन पर काबू पा लिया जाएगा.
किसानों के लिए बड़ा खतरा साबित हो जायेगी
दूसरी तरफ टिड्डियों को लेकर किसान काफी चिंतित नजर आ रहे हैं. किसानों का कहना है कि टिड्डियों ने मूंग, मोठ, ग्वार और मूंगफली को फसलों को नुकसान पहुंचाया है. किसानों कहना है कि अभी यह टिड्डियां का शुरुआती चरण है. समय रहते अगर इन पर नियंत्रण नहीं किया तो ये कुछ दिनों में ये किसानों के लिए बड़ा खतरा साबित हो जायेगी.
टिड्डी दल दिखाई दे तो उसकी सूचना विभाग को जरूर देवें
इस मामले में सीएडी कृषि विभाग के डिप्टी डायरेक्टर रामकिशोर मेहरा कहना है कि हो सकता हो कि टिड्डी पड़ोसी देश पाकिस्तान से आई हो. एक संभावना यह है भी कि टिड्डियां का दल रास्ता भटकने के कारण भारत में आ गया हो. हमने 120 हेक्टर क्षेत्र में छिड़काव किया है. उन्होंने किसानों से अपील की है कि कहीं भी टिड्डी दल दिखाई दे तो उसकी सूचना विभाग को जरूर देवें.