केंद्र सरकार में एनडीए का हिस्सा राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) ने किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की है। आरएलपी के संयोजक और राजस्थान से सांसद हनुमान बेनीवाल ने ऐलान किया है कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो वे एनडीए में बने रहने पर विचार करेंगे। सांसद हनुमान बेनीवाल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को किसान आंदोलन के मुद्दे पर चिट्ठी भी लिखी है। उन्होंने कहा है कि तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए तुरंत काम करें। उन्होंने लिखा, ”भीषण सर्दी और कोरोना काल में देश का अन्नदाता आंदोलन कर रहा है, जोकि शासन के लिए शोभनीय नहीं है।” बेनीवाल ने ट्वीट किया, ”अमित शाह जी, देश मे चल रहे किसान आंदोलन की भावना को देखते हुए हाल ही में कृषि से सम्बंधित ला, गए 3 बिलों को तत्काल वापस लिया जाए। स्वामीनाथन आयोग की सम्पूर्ण सिफारिशों को लागू करें व किसानों को दिल्ली में त्वरित वार्ता के लिए उनकी मंशा के अनुरूप उचित स्थान दिया जाए। चूंकि, आरएलपी एनडीए का घटक दल है लेकिन, आरएलपी की ताकत किसान व जवान हैं, इसलिए अगर इस मामले में त्वरित कार्रवाई नहीं की गई तो मुझे किसान हित मे एनडीए का सहयोगी दल बने रहने के विषय पर पुनर्विचार करना पड़ेगा।”