अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए आरएसएस ने फंड जुटाने के अभियान में मुस्लिम समुदाय को भी जोड़ने का फैसला लिया है। संघ से जुड़े राष्ट्रीय मुस्लिम मंच नाम के संगठन ने मंदिर के लिए मुस्लिमों से भी सहयोग लेने का फैसला लिया है। शुक्रवार को राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के संयोजक इंद्रेश कुमार लखनऊ से इस अभियान की शुरुआत करेंगे। वह शहर में मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों से राम मंदिर के लिए योगदान मांगेंगे और इसके साथ ही संगठन का अभियान शुरू हो जाएगा। आरएसएस की ओर से चलाए जा रहे निधि समर्पण अभियान का ही यह हिस्सा होगा।
सूत्रों का कहना है कि आरएसएस की ओर से राष्ट्रीय मुस्लिम मंच को देश के अन्य हिस्सों से भी मुस्लिम समुदाय से योगदान लेने को कहा गया है। आरएसएस के इस प्रयास को राम मंदिर के लिए चली लंबी कानूनी लड़ाई के बाद कड़वाहट दूर करने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है। आरएसएस के करीबी सूत्रों ने बताया कि इंद्रेश कुमार दो दिनों तक लखनऊ में रहेंगे और राम मंदिर निर्माण के लिए रकम जुटाने के मकसद से मुस्लिम समुदाय के प्रमुख लोगों से मुलाकात करेंगे। इस दौरान वह समाज के कुछ अन्य लोगों से भी मिल सकते हैं।
आरएसएस की ओेर से विश्व हिंदू परिषद को मुख्य तौर पर राम मंदिर निर्माण के लिए निधि समर्पण अभियान की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस अभियान की शुरुआत 15 जनवरी से हुई थी और 26 फरवरी तक चलना है। राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के राष्ट्रीय सह-संयोजक मुरारी दास ने कहा, ‘राम मंदिर के निर्माण से समाज की बुराईयां भी समाप्त होंगी। इससे भारत के विकास को गति मिलेगी और समाज के सभी वर्गों का विकास हो सकेगा।’ बता दें कि राष्ट्रीय मुस्लिम मंच बीते कई सालों से आरएसएस की ओर से मुस्लिम समाज के बीच काम कर रहा है। ट्रिपल तलाक को लेकर जागरुकता के लिए भी इस संगठन ने काम किया था।