-हकेवि में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के कार्यान्वयन में शिक्षकों की भूमिका विषय पर राष्ट्रीय वेबिनार आयोजित
-कुलपति बोले जन-जन की नीति बने राष्ट्रीय शिक्षा नीति
भारतीय शिक्षण मंडल, नीति आयोग एवं हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ के संयुक्त तत्वाधान में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन में शिक्षकों की भूमिका विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन मंगलवार 9 फरवरी 2021 को किया गया। वेबिनार में चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय, भिवानी के उपकुलपति प्रो. राजकुमार मित्तल मुख्य अतिथि तथा भारतीय शिक्षण मंडल के अखिल भारतीय सह संपर्क प्रमुख और उत्तर क्षेत्र के पालक अधिकारी पंकज नाफड़े मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे जबकि आयोजन की अध्यक्षता हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय, महेंद्रगढ़ के कुलपति प्रो. आर. सी. कुहाड़ ने की।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियावन्वयन में शिक्षकों की भूमिका विषयक इस वेबिनार में अपने वीडियों सम्बोधन में भारतीय शिक्षण मंडल के अखिल भारतीय संगठन मंत्री मुकुल कानिटकर ने कहा कि केवल उपदेश से ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लागू नहीं किया जा सकता उसके लिए कड़ी मेहनत की आवश्यकता है उन्होंने बताया कि शिक्षा नीति में वह सारे गुण विद्यमान है जिससे भारत विश्व गुरु बन सकता है। अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रोफेसर (डॉ.) रमेश चंद्र कुहाड़ कुलपति हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय ने कहा कि यह नीति केवल ज्ञान-केंद्रित शिक्षार्थी तैयार करने के लिए ही नहीं बल्कि मानवीय मूल्यों पर केंद्रित शिक्षार्थी के लिए भी परिकल्पित है। नीति निर्माताओं द्वारा शिक्षण और सीखने के मानवीय पहलू को प्राप्त करने पर यह अभूतपूर्व जोर हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदृष्टि का था। उन्होंने यह भी अवगत कराया कि विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को कार्यान्वित करने के लिए अगस्त महीने में ही एक कार्यबल का गठन किया। हमारे विश्वविद्यालय के आचार्यों की मेहनत और लगन के द्वारा प्रोफेसर संजीव कुमार के नेतृत्व में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को कैसे लागू किया जाए इसके लिए एक दस्तावेज तैयार कर लिया गया है, वह जल्दी ही, आप सबके लिए उपलब्ध होगा।
प्रोफेसर आर.सी. कुहाड़ ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के क्रियान्वयन में सबसे बड़ी भूमिका शिक्षकों की है। शिक्षा मंत्रालय ने जो नीति माननीय केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के नेतृत्व में और माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में हम लोगों तक पहुंचायी है। उस नीति को विद्यार्थियों, शोधार्थियों तक पहुंचाने का कार्य शिक्षकों का ही है। शिक्षक अपने ज्ञान और आचरण के द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के उद्देश्यों को प्राप्त कराने में, राष्ट्र को शैक्षणिक क्षेत्र में भी अग्रगण्य बनाने में अवश्य ही अपना योगदान देंगे। ऐसी हमारी आशा ही नहीं, पूर्ण विश्वास है। हम सभी के प्रयास से यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 जन-जन की नीति बने।
इससे पूर्व राष्ट्रीय वेबीनार में भारतीय शिक्षण मंडल के अखिल भारतीय सह संपर्क प्रमुख और उत्तर क्षेत्र के पालक अधिकारी पंकज नाफड़े ने कहा शिक्षा नीति से भारत आत्मनिर्भर बनेगा और राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मातृभाषा और क्षेत्रीय भाषाओं पर बहुत जोर दिया गया है, जिससे भारत की विविधता अक्षुण बनी रहेगी। मुख्य अतिथि के रूप में इस अवसर पर उपस्थित प्रोफेसर राजकुमार मित्तल उपकुलपति चौधरी बंसी लाल विश्वविद्यालय भिवानी ने कहा कि इस नई शिक्षा नीति में वे सभी गुण विद्यमान है जिन को लेकर आज का युवा भारत को आर्थिक मोर्चे पर अग्रिम पंक्ति पर ले जा सकता है। उन्होंने कहा की वेबीनार, सेमिनार वर्कशॉप, और प्रशिक्षण के द्वारा शिक्षकों को नई शिक्षा नीति के बारे में शिक्षित और प्रशिक्षित करने की जरूरत है।
प्रथम सत्र के बाद द्वितीय सत्र को 6 समानांतर सत्रों में विभाजित करके विश्वविद्यालय के सभी शिक्षकों से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर उनके विचार और सुझाव विभिन्न विषयों पर रखने का अवसर दिया गया। समापन समारोह में प्रोफेसर संजीव कुमार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर अपने विचार रखे और दूसरे वक्ताओं ने भी शिक्षा नीति को कैसे लागू किया जाए इस पर अपने सुझाव दिये। इस वेबिनार में पूरे देश से करीब 400 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस वेबीनार को सफल बनाने में भारतीय शिक्षण मंडल, महेंद्रगढ़ इकाई के पदाधिकारियों और हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के वरिष्ठ आचार्यों ने विशेष सहयोग किया। सहायक आचार्य डॉ. सुदीप कुमार ने कार्यक्रम का संचालन किया तथा सहायक आचार्य डॉ. अनूप यादव ने धन्यवाद ज्ञापन प्रेषित किया।