रणघोष अपडेट. रेवाड़ी
जिला प्रशासन द्वारा तमाम कायदे कानून बनाने के बाद भी शहर में कुछ दुकानदार अपने लालच में जान लेवा साबित हुए चाइनीज मांजा को बेचने की अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। कमाल की बात यह है कि यह मांझा दिल्ली व अन्य राज्यों से होता हुआ आसानी से अलग अलग कोड वर्ड में बेचा जा रहा है। इस मांझा का लगातार विरोध कर रहे दुकानदारों का कहना है कि वे इस बारे में गुप्त तौर पर प्रशासन को अवगत कराते रहे हैं। बाजार के भीतर संकरी गलियों में फैली इन दुकानों से दूर-दूर से लोग मांझा खरीदने आ रहे हैं। पतंगबाजी का समय आते ही पुरानी दिल्ली में पतंगों के लिए मशहूर लाल कुआं बाजार में पाबंदी के बावजूद कोडवर्ड में चाइनीज मांझा बिकने लगा है। इस मांझे को यहां डॉलर नाम से बेचा व खरीदा जा रहा है। बाजार के भीतर संकरी गलियों में फैली इन दुकानों से दूर-दूर से लोग मांझा खरीदने आ रहे हैं। ऐसे में एनसीआर तक यह मांझा चोरी छिपे पहुंच रहा है। आलम यह है कि कई दुकानदार इस मांझे के लिए व्हाट्सएप से भी बुकिंग ले रहे हैं। यहीं नहीं, अधिक मांझा लेने पर होम डिलीवरी भी कर रहे हैं। पशु-पक्षियों के साथ इंसानों को भी चपेट में लेने वाले चाइनीज मांझे पर दिल्ली में प्रतिबंध है। इसके बावजूद बिक्री बढ़ गई है। एक चरखी चाइनीज मांझा 1200 से 1400 रुपये बिक रहा है। हालांकि, बाजार में चाइनीज मांझे का इस्तेमाल नहीं करने के लेकर पोस्टर लगाए गए हैं। दुकानदार सचिन ने बताया कि पुलिस के साथ स्थानीय निवासी भी चाइनीज मांझे का इस्तेमाल नहीं करने को लेकर लोगों को जागरूक रहे हैं, लेकिन मुनाफे के चक्कर में दूसरों की जान को जोखिम डालना नहीं हैं। कोई भी दुकानदार अगर चाइनीज बेचता है तो पुलिस सख्त कार्रवाई करे।