धारूहेड़ा चेयरमैन कंवर सिंह की मार्क्स सीट का रिकार्ड मिला, उधर हाईकोर्ट में बोहरा ने अपनी याचिका वापस ली
नगर पालिका धारूहेड़ा के चेयरमैन बने कंवर सिंह को बड़ी राहत मिली है। दिल्ली में उनकी दसवीं की मार्क्स सीट का रिकार्ड खंगालने गई रेवाड़ी की टीम को अभी तक सभी दस्तावेज का रिकार्ड मिल गया है। दा सेंट्रल बोर्ड ऑफ हायर एजुकेशन के सचिव ने आधिकारिक तोर पर इसकी पुष्टि कर दी है। इसके साथ इस बोर्ड की विश्सनीयता को लेकर भी केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय के सहायक सचिव पीके सेठ के द्वारा 8 सितंबर 1990 को जारी पत्र का हवाला दिया गया है जिसमें उन्होंने बिहार के क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक को जवाब देते हुए स्पष्ट किया है कि दा सेंट्रल बोर्ड ऑफ हायर एजुकेशन भारत सरकार से मान्यता प्राप्त संस्थान है। दी सेंट्रल बोर्ड हायर एजुकेशन नई दिल्ली की हाई स्कूल एवं इंटरमिडियेट परीक्षाएं बिहार के मैट्रिक एवं इंटरमिडिऐट परीक्षाएं के समकक्ष है। उधर इस पूरे मामले को उठाने वाले एवं चुनाव में दूसरी पोजीशन रखने वाले संदीप बोहरा ने पंजाब- हरियाणा हाई कोर्ट में दायर याचिका वापस ले ली है। बोहरा का कहना है कि जब हरियाणा चुनाव आयोग एवं जिला प्रशासन इस मामले की समय रहते तत्परता के साथ जांच कर रहा है तो कोर्ट में याचिका दायर करने का मतलब ही खत्म हो जाता है। उनका दावा है कि जांच चल रही है। उनके आरोपों में पूरी तरह से सच्चाई है।
शुक्रवार से पहले तक चेयरमैन कंवर सिंह इस पूरे मामले में कटघरे में नजर आ रहे थे। उनकी तरफ से ऐसे दस्तावेज सामने नहीं आ रहे थे जो उनके पक्ष को मजबूत कर रहे थे। बस एक ही बात बार बार दोहरा रहे थे कि उनकी मार्क्स सीट पूरी तरह से सही है। वे जांच के लिए तैयार है। आरोप लगाने वाले शख्स को चुनाव में हार बर्दास्त नहीं हो पा रही है। इसलिए वह मीडिया को गुमराह कर माहौल का खराब कर रहा है। इस मामले की जांच कर रहे कोसली एसडीएम कुशल कटारिया ने माना कि दिल्ली गई टीम को कंवर सिंह का रिकार्ड मिल गया है। हम तमाम पहलुओं की जांच कर रहे हैं। अभी कुछ कहने की स्थिति में नहीं है। जल्द ही स्पष्ट कर देंगे अभी जांच को पूरी होने दो। शुक्रवार को एकत्र किए गए साक्ष्यों पर यकीन करें तो कंवर सिंह की मार्क्स सीट अब आधिकारिक तौर पर सही नजर आ रही है। हालांकि अभी अलग अलग बिंदुओं की जांच होनी है। इससे पहले की स्थिति पर गौर करे तो कंवर सिंह इस पूरे मामले में शांत ही नजर आए जबकि संदीप बोहरा लगातार उनकी इस मार्क्स को लेकर मीडिया के माध्यम से हमला कर रहे थे।
मार्क्स सीट सही होने पर आसान नहीं होगी संदीप बोहरा की राह
अगर कंवर सिंह की मार्क्स सीट को लेकर जांच कंवर सिंह के पक्ष में जाती है तो आने वाले दिनों में उनकी राह आसान नहीं होगी। कंवर सिंह खामोश नहीं रहेंगे। सूत्रों की माने तो संदीप बोहरा की कार्यप्रणाली और जुटाई गई संपति को लेकर भी बड़ा खुलासा हो सकता है।