त्रिकोणीय मुकाबले से बिखरे वोटों में खिला कमल, वार्ड मेंबरों ने मुरझाया, निर्दलियों ने किया कमाल
रणघोष अपडेट. वोटर की कलम से
नगर परिषद रेवाड़ी के बुधवार को घोषित परिणाम में कांटे के त्रिकोणीय मुकाबले में चेयरपर्सन पद की भाजपा प्रत्याशी पूनम यादव 2087 वोटों से जीत गईं। पूनम यादव को कल 25965 आजाद प्रत्याशी उपमा यादव को 23878 एवं कांग्रेस प्रत्याशी विक्रम यादव ने 15271 वोट हासिल किए। इसके अलावा बसपा प्रत्याशी मंजूबाला ने 4114, निर्मला राव ने 3262 एवं ज्योति रानी ने 1086 वोट हासिल किए। नोटा पर 700 वोट पड़े। बेशक यह भाजपा की जीत है लेकिन वोटों के बिखराव में पूनम यादव को भाग्य ने पूरा आशीर्वाद दिया। परिषद के कुल 31 वार्डो में भाजपा के 7 उम्मीदवार ही जीत पाए। यह ऐसा हार-जीत का गणित है जहां भाग्य इस बार भाजपा प्रत्याशी के पाले में बैठ गया। दूसरे नंबर पर रही आजाद प्रत्याशी उपमा यादव ने हार के बावजूद शानदार प्रदर्शन किया। यहां पर तीसरे नंबर पर पहुंचना कांग्रेस प्रत्याशी विक्रम यादव की हार के पीछे पूर्व मंत्री कप्तान अजय सिंह यादव एवं विधायक चिरंजीव राव का मैनेजमेंट एवं 2019 के विधानसभा चुनाव जितनी मेहनत इस बार कमजोर दिखी।
बुधवार को जब परिणाम आने शुरू हुए तो पहले ही राउंड में उपमा यादव करीब 300 की बढ़त के साथ आगे बढ़ी। उसके बाद तस्वीर बदलती चली गईं। राउंड 11 में जब पूनम करीब 2 हजार की बढ़त से आगे बढ़ चुकी थी उसी समय ही उसकी जीत के संभावनाए मजबूत होने लगी थी। उपमा यादव एवं विक्रम यादव के बीच वोटों का बिखराव इतना जबरदस्त था जिसमें पूनम आराम से बिना शोर मचाए आगे बढ़ रही थी। इस सीट पर कुल एक लाख 7 हजार 413 मतों में 74 हजार 268 मतदाताओं ने वोट डाले थे। इसमें पूनम को 35 प्रतिशत के लगभग वोट मिले। अगर मुकाबला आमने सामने होता तो भाजपा के लिए सीधी चुनौती थी। त्रिकोणीय में बिखरे वोट भाजपा की जीत में तब्दील हो गए। इसलिए यहां पूनम यादव की जीत राजनीति में भाग्य के हाथों लिखी हुई थी। दूसरा भाजपा ने समय रहते खुद को एकजुट दिखा दिया था। यहां सीधे तौर पर भाजपा में अंदरखाने चल रही खिलाफत सार्वजनिक तौर पर सामने नहीं आईं। इसलिए आम मतदाता में यह सकारात्मक संदेश भी गया।
वार्ड मेंबरों में भाजपा नहीं कर पाई कमाल
रेवाड़ी परिषद के कुल 31 वार्डों में भाजपा के 7 प्रत्याशी विजयी हुए। इसमें वार्ड 8 से पूनम सतीजा, वार्ड 12 से रेखा देवी, वार्ड 13 से चंदन यादव, वार्ड 19 से निहाल यादव, वार्ड 21 से राजेंद्र सिंहल, वार्ड 23 से भूपेंद्र गुप्ता, वार्ड 30 से कुसुम लता विजयी रहे। बाकि सीटों पर निर्दलियों ने मैदान मार लिया। इसमें कुछ ऐसे भी थे जिन्हें भाजपा ने टिकट नहीं दी और वे आजाद जीत गए। इसमें वार्ड 18 से मनीष गुप्ता, वार्ड 16 से रंजना भारद्वाज रही जिसे पहले भाजपा ने टिकट दी और ऐन वक्त पर उससे वापस ले ली गईं। इसके अलावा वार्ड 17 से सुचित्रा चांदना भी अपने दम पर जीत गईं। ऐसे में वार्ड में सिंबल पर चुनाव लड़ने का भाजपा का निर्णय काफी हद तक फेल रहा। अगर देखा जाए तो जितने भी भाजपा प्रत्याशी जीते हैं उसमें अधिकांश अपने निजी व्यवहार एवं दम पर जीते हैं। अगर से सिंबल से भी नहीं लड़ते तो भी सीट निकालने की ताकत रखते थे। इसलिए वार्ड स्तर पर सिंबल पर लड़वाने का भाजपा कमेटी के निर्णय को मतदाताओं ने खारिज कर दिया।