रणघोष खास. यूपी से
This is the clear evidence of how BJP MoS Ajay Mishra’s son deliberately slaughtered peacefully protesting farmers with his Mahindra Thar, in Lakhimpur, UP.@ndtvindia @AJEnglish @UNHumanRights #लखीमपुर_किसान_नरसंहार pic.twitter.com/SM9DKUGVwe
— Tractor2ਟਵਿੱਟਰ (@Tractor2twitr) October 4, 2021
लखीमपुर खीरी में किसानों को गाड़ी से कैसे रौंदा गया, इसका एक वीडियो सामने आया है। वीडियो में दिखता है कि किसान सड़क से आगे की ओर बढ़ रहे हैं और पीछे से गाड़ी आती है और किसानों को रौंदते हुए निकल जाती है। वीडियो में दिखता है कि एक किसान गाड़ी के बोनट पर गिरता है और फिर दर्जन भर किसान सड़क के दोनों किनारे गिरे पड़े हुए दिखते हैं। वह गाड़ी बिना रुके आगे निकल जाती है और उसके पीछे दो और गाड़ियाँ निकलती हैं। इस वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर किया गया है। इस वीडियो की प्रमाणिकता की पुष्टि स्वतंत्र रूप से ‘सत्य हिंदी नहीं कर सका है, लेकिन इस वीडियो को किसान समर्थक होने का दावा करने वाले ‘ट्रैक्टर ट्विटर’ हैंडल पर शेयर किया गया है। इस वीडियो को कांग्रेस ने भी शेयर किया है। और बड़ी बात यह है कि वीडियो में दिखते दृश्य और मौक़े पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों के दावों में समानता दिखती है। ‘ट्रैक्टर ट्विटर’ ने वीडियो पोस्ट करते हुए ट्वीट किया है कि कैसे यूपी के लखीमपुर में शांतिपूर्ण ढंग से विरोध कर रहे किसानों को जान-बूझकर मार डाला गया।वीडियो में देखा जा सकता है कि प्रदर्शनकारियों का एक समूह खेतों के बीच एक सड़क पर आगे बढ़ रहा है। फिर पीछे से तेज गति से आ रही एक ग्रे एसयूवी से उनको कुचल दिया जाता है। गाड़ी की तेज गति होने से एक व्यक्ति तो उछलकर बोनट के ऊपर गिरता है। सड़क के किनारे कई लोग बिखरे पड़े नज़र आते हैं। उस ग्रे एसयूवी के पीछे-पीछे दो और गाड़ियाँ निकलती हैं। लखीमपुर खीरी में रविवार को 8 लोग मारे गए थे। इसमें से चार किसान थे और किसानों का आरोप है कि केंद्रीय मंत्री के बेटे ने उन्हें कार से कुचला। बाक़ी के चार लोग हिंसा में मारे गए। लेकिन केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी इससे इनकार करते रहे हैं कि उनके बेटे मोनू ने किसी को कुचला है। उन्होंने तो यहाँ तक दावा किया है कि उनका बेटा घटनास्थल पर था ही नहीं।लेकिन ताज़ा वीडियो आने के बाद उनपर अब आरोप ज़्यादा पुख्ता तरीक़े से लगाए जा रहे हैं। कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से इस वीडियो को ट्वीट कर मोदी सरकार को निशाने पर लिया है। इस वीडियो में जो दिखता है उसकी पुष्टि प्रत्यक्षदर्शियों से भी होती है। ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के अनुसार प्रदर्शनकारियों के समूह में शामिल रहे लखीमपुर खीरी के एक किसान गुरमीत सिंह ने कहा, ‘वाहन बेतरतीब तरीक़े से चल रहे थे। उनमें से एक आशीष मिश्रा (केंद्रीय राज्य मंत्री मिश्रा के पुत्र) द्वारा चलाया गया था। वाहनों ने किसानों को कुचल दिया, जिनमें से कई की मौत हो गई। हमारे नेता तेजेंद्र सिंह विर्क को काफ़ी दूरी तक कारों ने घसीटा। कुछ कारों के नीचे फंस गए, लेकिन वाहन नहीं रुके। मुझे अपनी आँखों पर विश्वास नहीं हो रहा था।’रिपोर्ट के अनुसार, एक किसान नेता दिलबाग सिंह ने कहा, ‘मंत्री के बेटे को लगा कि वह पकड़ा जा सकता है, इसलिए उसने एक किसान को गोली मार दी और भाग गया।’ नाम न छापने की शर्त पर ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ से एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘आशीष मिश्रा को ऐसी भीड़ की उम्मीद नहीं थी और उन्होंने भागने की कोशिश की, जिसके परिणामस्वरूप यह घटना हुई।’अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार, पल्लिया क्षेत्र के एक किसान इंद्रपाल सिंह ने कहा, ‘हमारे लोगों को रौंदने के बाद, उन्हें लगा कि वे किसानों से घिरे हुए हैं। मंत्री का बेटा पास के खेतों से भागा और भागने में सफल रहा।’ उस हिंसा के बारे में पूछे जाने पर जिसमें मंत्री के ड्राइवर सहित चार अन्य लोग मारे गए थे, इंद्रपाल ने कहा, ‘आप ऐसे गुंडों से कैसे निपटते हैं? जो हुआ उसके बाद लोगों में काफी ग़ुस्सा था। मैं यह नहीं कह सकता कि यह सही था या ग़लत, लेकिन आप क्या करते जब कोई आपके भाइयों को रौंदता? वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘प्रदर्शनकारियों ने बर्बरता की और कुछ लोगों की पिटाई की, जिसके परिणामस्वरूप चार अन्य मौतें हुईं।’ पुलिस ने घटनास्थल पर गोलीबारी की ख़बरों से इनकार किया है।हालाँकि, केंद्रीय राज्य मंत्री मिश्रा ने रविवार को इस बात से इनकार किया था कि उनका बेटा वाहन चला रहा था। उन्होंने कहा था, ‘उनका ड्राइवर गाड़ी चला रहा था। जैसे ही वाहन पर पथराव किया गया, वह पलट गया और दो किसान उसकी चपेट में आ गए।’ उन्होंने कहा, ‘मेरी पार्टी के कार्यकर्ता डिप्टी सीएम की अगवानी करने जा रहे थे कि किसानों में शामिल कुछ हमलावरों ने उन पर लाठियों और तलवारों से हमला कर दिया। हमले में पार्टी के तीन कार्यकर्ता और एक कार चालक की मौत हो गई। उन्होंने गाड़ी को नष्ट कर दिया और उसमें आग लगा दी।’रिपोर्ट है कि किसानों और मंत्री के बीच काफ़ी पहले से तल्खी चली आ रही थी। घटना से कुछ ही दिन पहले लखीमपुर में अपने स्वागत में आयोजित एक समारोह में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री टेनी मिश्रा ने अपने आपराधिक इतिहास का हवाला देते हुए कहा था कि वह किसानों को ठीक कर देंगे।इसके बाद से किसानों में ग़ुस्सा था। इस बीच उनके बयान पर कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी करने के लिए हरजीत सिंह नाम के युवक के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कराई गई थी। इससे लोगों में और ज़्यादा ग़ुस्सा था। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार इन्हीं सब कारणों से किसानों में ग़ुस्सा बढ़ा और 3 अक्टूबर को उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या के कार्यक्रम का उन्होंने विरोध करने का निर्णय लिया। रविवार को वे काले झंडे दिखा रहे थे।