भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं हरको बैंक के चेयरमैन अरविंद यादव ने कहा कि गणतंत्र दिवस पर लाल किले पर जो कुछ भी हुआ उसने साबित कर दिया कि किसान आंदोलन की आड़ में एक बड़ी साजिश चल रही थी। उन्होंने कहा कि उपद्रवी तत्वों की इन हरकतों से देश की गरिमा एवं अखंडता कमजोर नहीं होगी। इतना जरूर स्पष्ट हो गया कि पिछले दो माह से किसान बिलों के खिलाफ जो धरना दिया जा रहा था उसका मकसद समाज और राष्ट्र हित में हरगिज नहीं था। उन्होंने कहा कि देश का किसान बहुत भोला और सीधा सादा है। पीएम नरेंद मोदी के शरीर और आत्मा में किसान बसता है इसलिए उनके शासनकाल में फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य को तेजी से बढ़ाया गया। किसानों के लिए अलग से सम्मान राशि की व्यवस्था की गईं। खेती को बिचौलिए से बचाने के लिए और किसानों को उनकी मेहनत का पूरा सम्मान दिलाने के लिए तीन बिल लाए गए थे। आज एक भी किसान संगठन का नेता तर्कसंगत यह नहीं बता पाया है कि इन बिलों में यह खामियां है। इसके बाद भी सरकार ने बड़ा दिल दिखाते हुए किसान संगठनों की हर बात को माना लेकिन उनके इरादे कुछ ओर ही थे। अगर इसी तरह बिल दबाव मे रद्द होते रहे तो संसद और संविधान की गरिमा ही खतरे में पड़ जाएगी। सरकार उसी को बचाने के लिए धैर्य बनाए हुए हैं लेकिन लाल किले पर हुई घटना असहनीय है। इस पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।