हरियाणा में नूंह हिंसा के बाद समुदाय विशेष के लोगों की गांवों में एंट्री बैन वाला लेटर लिखने वाली पंचायतों पर कानूनी एक्शन शुरू हो गया है। रेवाड़ी जिले में 11 पंचायतों के सरपंच-पंच व ग्रामीणों पर FIR दर्ज की गई है। कोसली व खोल थाना में 153-B के तहत केस दर्ज किया गया है। ये नॉन बेलेबल अपराध है। पुलिस की कार्रवाई के बाद पंचायतों में भी हड़कंप मच गया है।
50 से ज्यादा पंचायतों के पत्र वायरल हुए
बता दें कि 31 जुलाई को नूंह में ब्रजमंडल यात्रा पर पथराव के बाद हिंसा हो गई थी। कुछ दिन बाद ही 3-4 अगस्त को महेन्द्रगढ़ जिले के कस्बा अटेली की 10 से ज्यादा पंचायतों के लेटर वायरल होने लगे। इनमें समुदाय विशेष के लोगों की एंट्री अपने गांवों में बैन करने संबंधित पत्र पंचायतों के लेटर-हेड पर इलाका थाना प्रभारी और एसडीएम के नाम लिखे गए हैं। गांवों में घुसने पर रोक लगाने के पीछे चोरी की घटनाओं का हवाला दिया गया।
खास बात यह है कि पंचायतों द्वारा लिखे गए पत्रों में एक जैसी भाषा लिखी गई थी। हूबहू ये ही पत्र धीरे-धीरे रेवाड़ी और झज्जर जिले की कुछ पंचायतों द्वारा भी जारी कर वायरल कर दिए गए। 50 से ज्यादा पंचायतों द्वारा इस तरह के पत्र वायरल किए जाने के बाद इस पर सवाल खड़े होने शुरू हो गए थे। तीनों ही जिलों के अधिकारियों ने साफ कर दिया था कि भारत में रहने वाला कोई भी व्यक्ति किसी भी जगह आ जा सकता है। कोई भी पंचायत इस तरह का बैन नहीं लगा सकते।
सवाल खड़े हुए तो नरम पड़े रूख
प्रशासन के सख्त रूख और अन्य संगठनों द्वारा सवाल खड़े किए जाने के बाद सबसे पहले लेटर लिखने वाले अटेली कस्बा के सरपंच धीरे-धीरे सामने आने लगे और कहा कि उन्होंने एक सरपंच द्वारा लिखे गए पत्र के हूबहू देखादेखी में इस तरह के पत्र लिख दिए। साथ ही झज्जर जिले की दो पंचायतों की सरपंच ने तो बकायदा वीडियो जारी कर अपनी गलती को स्वीकार करते हुए इसे भूल वश उठाया कदम बताया था। सरपंचों के बैकफुट पर आने के बाद अब पुलिस का एक्शन शुरू हो गया है।
11 पंचायतों के सरपंच सहित अन्य पर FIR
रेवाड़ी जिले के थाना खोल की पुलिस ने गांव चिमनावास, आलियावास, नांगल मूंदी, मनेठी, मंदौला और बास के सरपंच सहित कुछ ग्रामीणों पर केस दर्ज किया है। इसके साथ ही कोसली थाना पुलिस ने टूमना, कान्हड़वास, बव्वा, नठेड़ा के सरपंच व पंच के अलावा गांव भाकली-2 के पंच पर केस दर्ज किया है। इन गांवों की पंचायत के लेटर पैड पर समुदाय विशेष के लोगों की एंट्री और किसी भी तरह के व्यापार करने बैन लगाने के पत्र वायरल हुए थे।
नॉन बेलेबल धारा 153-B
रेवाड़ी पुलिस की तरफ से जिन पंचायतों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है, उनमें धारा 153बी लगाई गई है। इस आईपीसी के तहत दर्ज केस राष्ट्रीय एकता पर प्रभाव डालने और गैर जमानती की श्रेणी में आता है। इसमें अपराध साबित होने पर 3 साल की सजा और जुर्माना दोनों भी हो सकते हैं।
(News Credit :- Dainik Bhaskar)