लोकतांत्रिक अधिकारों के हनन पर जुटी सरकार

कितलाना टोल पर 127वें दिन किसान आक्रोशित


केंद्र के साथ हरियाणा सरकार लोकतांत्रिक अधिकारों के हनन पर जुटी है। यह बात वक्ताओं ने कितलाना टोल पर चल रहे किसानों के अनिश्चितकालीन धरने को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी की आड़ में सरकार द्वारा किसान आंदोलन को दबाने के लिए हर रोज नए हथकंडे अपनाए जा रहे हैं,  भिवानी और दादरी जिले समेत प्रदेश भर में धारा 144 की घोषणा इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है। उन्होंने कहा कि सरकार की कोई चाल कामयाब नहीं होगी और किसान आंदोलन हर हाल में जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि किसानों को नाजायज परेशान करने की बजाए सरकार को कोरोना महामारी से आम जनता को बचाने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए। आज कोरोना पीड़ितों को इलाज मिलने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें ऑक्सजिन के साथ एंटीवायरल दवाई रेमडेसीवीर के लिए पापड़ बेलने पड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार हर मोर्चे पर विफल है और हरियाणा सरकार उन्हीं के नक्शोकदम पर है। कितलाना टोल पर धरने के 127वें दिन खाप सांगवान 40 के सचिव नरसिंह डीपीई, बिजेंद्र बेरला, धर्मबीर समसपुर, रामफल देशवाल, सुभाष यादव, करतार ग्रेवाल, प्रेम शर्मा कितलाना, विद्या कौंट, बीरमति डोहकी ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि मंडियों में उठान बेहद धीमा है और इसके कारण किसानों को गेहूं बेचने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि दावों के विपरीत भुगतान प्रक्रिया भी धीमी है। धरने का मंच संचालन कामरेड ओमप्रकाश ने किया। इस अवसर पर राकेश आर्य, कमल प्रधान, सुरजभान सांगवान, मास्टर ताराचंद चरखी, रणधीर घिकाड़ा, पूर्व कर्मचारी नेता रामकिशन, कर्ण सिंह पूर्व सरपंच, रामानंद धानक, नत्थू शर्मा, ओमप्रकाश प्रजापति, परमजीत फतेहगढ़, सूबेदार सत्यवीर, पूर्व सरपंच समुन्द्र सिंह, रत्तन सिंह घिकाड़ा इत्यादि मौजूद थे। 

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