आगामी लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी-जेडीएस के गठबंधन को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है. कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने दावा किया है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी जेडीएस के साथ कर्नाटक में लड़ेगी. येदियुरप्पा ने दावा किया है कि भाजपा जेडीएस को कर्नाटक के चार लोकसभा सीट देने को राजी हो गई है. वहीं मीडिया से बात करते हुए येदियुरप्पा ने कहा, “मुझे खुशी है कि देवेगौड़ा जी ने हमारे प्रधान मंत्री से मुलाकात की और उन्होंने पहले ही लगभग 4 सीटें फाइनल कर ली हैं. मैं उनका स्वागत करता हूं.”
बीएस येदियुरप्पा ने दावा किया कि भाजपा ने लोकसभा चुनाव के लिए जेडीएस को चार सीटें देने पर सहमति जता दी है. उन्होंने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह ने इसके लिए हामी भी भर दी है. बता दें कि इंडिया गठबंधन से जेडीएस ने जैसे ही दूरी बनाई थी, तभी से बीजेपी के साथ गठबंधन की अटकलें लगाई जा रही थीं. फिलहाल कर्नाटक में बीजेपी और जेडीएस के सियासी ताकत की बात करें तो जेडीएस के मुकाबले भाजपा काफी आगे नजर आती है.
वहीं कांग्रेस पार्टी के नेता जगदीश शेट्टर ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘दो असहाय लोग गठबंधन बनाते हैं. लोकसभा चुनाव में गठबंधन बनाना जेडीएस और भाजपा पर निर्भर है. उन्होंने पहले भी विधानसभा चुनाव से पहले गठबंधन किया था और फिर टूट गया. अब वे फिर से गठबंधन की बात कर रहे हैं. सुविधाजनक होने पर गठबंधन करना, असुविधा होने पर गठबंधन से हट जाना कितनी बार वे ऐसा करेंगे और लोगों का विश्वास खो देंगे. संबंधित पार्टियों की विश्वसनीयता भी कम होती है.
राज्यों में 28 लोकसभा सीटों में से 25 सीटों पर बीजेपी जीत हासिल कर चुकी है. जबकि जेडीएस केवल एक सीट पर जीत हासिल कर पाई थी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कर्नाटक में जेडीएस 28 में से 4 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है. ये सीटें मांड्या, हासन, बेंगलुरु ग्रामीण और चिकबल्लापुर हैं. बता दें कि दक्षिण भारतीय राज्यों में अपने आप को मजबूत करने के लिए भाजपा लगातार छोटे से बड़े दलों को साथ लाने में जुटी हुई है.
तमिलनाडु में एआईएडीएमके के साथ बीजेपी का गठबंधन है. सीटों के बंटवारे पर भी सहमति बन चुकी है. तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में टीडीपी के साथ गठबंधन पर चर्चा चल रही है. पुड्डुचेरी में बीजेपी पहले ही गठबंधन की सरकार में शामिल है. वहीं केरल में छोटे दलों से बीजेपी की गठबंधन में बात चल रही है. वहीं अब कर्नाटक में जेडीएस के आने से मिशन दक्षिण को मजबूती मिलेगी.