रणघोष अपडेट. नई दिल्ली
विजय दिवस की 49वीं वर्षगांठ के अवसर पर पालम विहार स्थित रेजांगला युद्ध स्मारक पर पूर्व सैनिकों एवं गणमान्य लोगों ने 1971 के भारत-चीन युद्ध के वीर शहीदों को याद करते हुए पुष्प अर्पित किए और दो मिनट का मैन धारण कर शहीदों को श्रद्धांजली दी। समारोह का आयोजन शहीद परिवार कल्याण फाउंडेशन द्वारा किया गया जिसमें फाउंडेशन के संयोजक डॉ. टी सी राव ने 1971 का युद्ध लड़ने वाले वैट्रन एयर मार्शल के डी सिंह, कर्नल महा सिंह, कर्नल महावीर सिंह, कर्नल रोशन लाल, कमांडर वी पी यादव, कमांडर के डी यादव, कर्नल भरपुर यादव, एल आर यादव एवं एस पी यादव को शाल, वीर सेनानी रत्न का पटका, प्रशस्ती पत्र एवं विजय दिवस की टाई भेंट कर सम्मानित किया। अन्य उपस्थित पूर्व सैनिकों को जिनमें ब्रिगेडियर एस एन शर्मा, कमांडर चन्द्रहास यादव, कमांडर पी डी यादव, कर्नल जे एस यादव, कर्नल देवेन्द्र यादव, कर्नल संतपाल राघव, कर्नल गोपाल, कर्नल सुभाष यादव, कमांडर साकेत सिंह, कप्तान राजेन्द्र यादव, सी पी ओ मुन्नी यादव, कैप्टन वी पी यादव, मास्टर जय भगवान यादव,, जे डब्ल्यू ओ संजय यादव, ऑन फ्लाईंग आफिसर धर्मवीर यादव, भीम सिंह यादव को भी पटका, प्रशस्ती पत्र एवं टाई देकर सम्मानित किया।
1971 के युद्ध का वर्णन करते हुए पूर्व एयर मार्शल के डी सिंह ने बताया की भारत-पाक के बीच 1971 मे लड़ा गया युद्ध विश्व में एक मिशाल है जिसमें भारतीय सेना ने विदेशी भूमि पर पाकिस्तान के पूर्वी प्रांत में बसे मुसलमानों को पाकिस्तान द्वारा दी जा रही यातनाओं से मुक्त करवाया और उन्हें आजादी दिलवाई, जिससे एक नए देश बंगलादेश का उदय हुआ । इस युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के 93000 सैनिकों से हथियार डलवाकर युद्ध बन्दी बनाया और बाद में बिना शर्त उनको रिहा किया और साथ में युद्ध के दौरान कबजाई गई भूमि को भी पाकिस्तान को वापिस कर दिया ।
इस तरह का उदाहरण संसार में न कभी पहले सुना और शायद भविष्य में भी ऐसा उदाहरण देखने को न मिले । वयोवृद्ध वैट्रन कर्नल महासिंह एवं फाउंडेशन के अध्यक्ष कनल महावीर सिंह ने भी युद्ध में अपने अनुभव का वर्णन किया । फाउंडेशन के संयोजक डॉ. टी सी राव ने कहा कि इस युद्ध में उनके परिवार से उनके पिता जी एवं पिता जी के चार भाईयों ने भी भाग लिया था । 3-4 साल पहले उन्होंने दक्षिण हरियाणा के जिले गुरुग्राम , रेवाड़ी, महेन्द्रगढ एवं दिल्ली में एक परंपरा की शुरुवात की थी जिसमें पूर्व सैनिकों की अंतीम यात्रा पर उनके पार्थिव शरीर को गौरवशाली वीर सेनानी के तिरंगे में लपेटकर अंतीम यात्रा निकाली जाए। फाउंडेशन के महासचिव मेजर एस एन यादव ने सभी का धन्यवाद किया