विश्वविद्यालय संसाधन और ज्ञान साझा राष्ट्र की प्रगति में सहायक:- प्रोफेसर आर.सी. कुहाड़

-हकेवि के योग विभाग के विद्यार्थी गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में प्रशिक्षण हेतु भेजे गए


हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ के कुलपति प्रोफेसर आर.सी. कुहाड़ के मार्गदर्शन में और स्वामी दयानंद सरस्वती पीठ के पीठाचार्य प्रोफेसर रणवीर सिंह के संयोजन में वर्ष 2019 में शुरू दो वर्षीय एम.एससी. योग पाठ्यक्रम पहला बैच जून 2021 पूर्ण होगा। इस पाठ्यक्रम के अंतर्गत विद्यार्थियों को योग के सभी अंगो का सैद्धांतिक एवं व्यवहारिक ज्ञान, विज्ञान के आधार पर दिया जा रहा है। जिसके परिणाम स्वरूप विद्यार्थी स्वयं का, परिवार का, समाज का और राष्ट्र में योगदान दें पायेंगे। विश्वविद्यालय के योग विभाग द्वारा विद्यार्थियों के लिए विशेष प्रशिक्षण को ध्यान में रखते हुए एक दल 25 मार्च को गुरुकुल कांगडी विश्वविद्यालय, हरिद्वार के लिए रवाना हुआ।वहां यह दल योग के सैद्धांतिक एवं व्यवहारिक ज्ञान का प्रशिक्षण लेकर वापस 5 अप्रैल को विश्वविद्यालय में दूसरे विद्यार्थियों के साथ अपने अनुभव को साझा करेंगे। प्रोफेसर आर.सी. कुहाड़ का कहना है कि विश्वविद्यालय अपने संसाधनों और अपने ज्ञान को दूसरों के साथ साझा कर विद्यार्थी, शोद्यार्थी, शिक्षक, समाज और राष्ट्र की प्रगति में सहायक बनते हैं।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर.सी. कुहाड़ ने योग विभाग के विद्यार्थियों के लिए इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को उपयोगी बताया और कहा कि किताबी ज्ञान के साथ-साथ व्यावहारिक अनुभव आवश्यक है, जिसके लिए इस तरह के आयोजन अनिवार्य है। विश्वविद्यालय निरंतर इस दिशा में प्रयासरत है। योग विभाग के सहायक आचार्य डॉ. अजयपाल ने बताया कि योग पाठ्यक्रम के अंतर्गत प्रथम सत्र से लेकर चतुर्थ सत्र तक विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय के आचार्यों के अलावा विभिन्न विश्वविद्यालयों और संस्थानों के योग के निष्णात आचार्यों को अतिथि व्याख्याता के रूप में बुलाकर प्रशिक्षित किया गया है। साथ ही विद्यार्थी भी योग के अनुसंधान और प्रायोगिक भाग को जानने के लिए विभिन्न विश्वविद्यालयों और संस्थानों के साथ सम्बद्ध रहे हैं।
वर्तमान में योग विभाग अन्तर्विषयी एवं अनुप्रयुक्त विज्ञान संकाय के अंतर्गत प्रोफेसर सतीश कुमार की अध्यक्षता में एवं प्रोफेसर रविंद्र पाल अहलावत, संयोजक योग विभाग, डॉ. अजय पाल, सहायक आचार्य एवं शिक्षक प्रभारी व डॉ. रवि कुमार सहायक आचार्य, अतिथि व्याख्याता के सहयोग से प्रगति के पथ पर अग्रसर है। योग विभाग में एम.एससी. के 15 सीटें हैं और पी.एचडी. के दो शोधार्थी शोधरत हैं। योग विभाग में एम.एससी. में प्रवेश के लिए केंद्रीय विश्वविद्यालय संयुक्त प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया जाता है। जिसके द्वारा पात्र उम्मीदवारों को प्रवेश दिया जाता है। इसके लिए अधिसूचना विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर दी जाती है।
इस पाठ्यक्रम को करने के पश्चात जो विद्यार्थी योग में अनुसंधान करना चाहते हैं, वह चिकित्सा विश्वविद्यालयों, भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान दिल्ली, रोहतक, ऋषिकेश आदि और पीजीआई चंडीगढ़ जैसे संस्थानों से शोध कर सकते हैं। भारत सरकार की विभिन्न शोध परियोजनाओं में जे.आर.एफ./एस.आर.एफ. और योग शिक्षक के पदों पर कार्यरत हो सकते हैं। केंद्रीय योग और प्राकृतिक चिकित्सा परिषद, नई दिल्ली योग में अनुसंधान के लिए परियोजनाएं आमंत्रित करती है, उन परियोजनाओं पर भी यह छात्र कार्य कर सकते हैं। आयुष मंत्रालय द्वारा विभिन्न परियोजनाओं में योग शिक्षक के रूप में कार्य कर सकते हैं। केंद्रीय विद्यालय अपने यहां योग शिक्षक के रूप में उन्हें कार्य प्रदान करता है। भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद योग के निष्णात विद्यार्थियों को 2 से 3 वर्ष के लिए विश्व के अनेक देशों में सांस्कृतिक दूत के रूप में नियुक्ति देती है। विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों में योग के आचार्यों के रूप में कार्य कर सकते हैं। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के बाद विश्व में योग के शिक्षकों की मांग बढ़ी है। जिसके लिए वे विदेशों में भी व्यक्तिगत योग प्रशिक्षकों के रूप में कार्य कर सकते हैं। इसके अलावा विद्यार्थी स्वयं का योग केंद्र, योग चिकित्सा केंद्र और व्यक्तिगत योग प्रशिक्षक बनकर भी कार्यरत हो सकते हैं।

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