लगभग 20 दिन के लोक डाउन के बाद सरकार ने व्यापारियों की तरफ ध्यान तो दिया परंतु सावधानीपूर्वक सारी बातें नोटिस नहीं की गई। शहर के व्यापारियों ने कहा कि सुबह 7 बजे से दोपहर12 बजे तक खोलने की छूट महज तुगलकी फरमान के अलावा कुछ नहीं है।
इससे होगा यह के यह नियम दुकानदारों के लिए लॉकडाउन से भी ज्यादा कष्टदायक होगा। सुबह 9 बजे से पहले कर्मचारी नहीं आते। आवागमन के साधन बहुत कम है। आसपास के गांव देहात के भी लोग सुबह 10 बजे से पहले मार्केट में नहीं आते। लगभग आधा घंटा दुकान बंद करने में लगता है तो डेढ़ घंटे में क्या दुकानदारी होगी। हमारी सरकार को सोचना चाहिए और हम व्यापारियों की भी सुननी चाहिए। समय सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक का हो। इससे पहले किरयाणा व्यापारी, सब्जी विक्रेताओं की दुकान में सुबह 9 से पहले 6 बजे तक का समय था।अब दोपहर 2 बजे तक कर दिया जबकि अब कोरोना की रफ्तार कम होना शुरू हुई है। जब ओड इवन सिस्टम से 50 प्रतिशत दुकान नहीं खुलेगी तो भीड़ पहले की अपेक्षा कम होगी। हमारी सरकार को चाहिए कोई जो भी फैसले लेने से पहले उस समय व्यापारिक प्रतिनिधियों को अवश्य शामिल करें अथवा अपने अपने क्षेत्र के अधिकारियों को यह निर्देश देवें कि जहां जैसी भौगोलिक स्थिति है वहां उस सरकार के निर्णय वहां के अधिकारी व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ मीटिंग करके ले। इस तुगलकी फरमान से सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक खोलने का आदेश है। सरकार इस निर्णय पर पुनर्विचार करें।