कागजों में सरप्लस बताकर हिंदी शिक्षक का तबादला, 82 से ज्यादा विद्यार्थियों का भविष्य दांव पर
रणघोष खास. कुंड.रेवाड़ी
शिक्षा विभाग में कई बार कागजी कार्रवाई जमीनी हकीकत से एकदम उल्ट होने की वजह से विद्यार्थियों का भविष्य दांव पर लग जाता है। एक ऐसा ही मामला सामने आया है। राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कुंड में कक्षा 6 वीं से 8 वीं के 82 विद्यार्थियों को पढ़ा रहे हिंदी अध्यापक दिनेश कुमार यादव का अचानक सरल्पस पोस्ट के नाम पर बावल खंड के गांव रानौली के मिडिल स्कूल में तबादला कर दिया जहां कुल 28 विद्यार्थी है। यहा सबसे बड़ा सवाल यह है कि कुंड स्कूल में कोई हिंदी पद को लेकर सरप्लस पद नहीं था। अकेले दिनेश यादव 6-8 वीं तक के अलावा कक्षा 9 वीं एवं 10 वीं के विद्यार्थी को भी पढ़ाते हैं। सोचिए विद्यार्थियों की परीक्षा का समय सिर पर है। कागजों में स्कूल में हिंदी का पद सरल्पस दिखाया हुआ है जबकि हकीकत में स्थिति एकदम उलट है। तबादला होने पर इन विद्यार्थियों को कौन पढ़ाएगा। इसका जवाब किसी के पास नहीं है। हालांकि स्कूल प्राचार्य सुनील कुमार यादव ने जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर इस तबादले को स्थगित करने की मांग की है। इस मसले से जुड़ी एक अन्य महत्वपूर्ण बात यह है कि कक्षा 9 वीं से 10 वीं तक के विद्यार्थी को पढ़ाने वाले शिक्षक के पद को भी पिछले तबादला नीति में सरप्लस दिखाकर स्थानांतरण कर दिया था। इस बारे में जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सुरजभान ने कहा कि स्कूल की मांग जायज है। वे इस बारे में हैड आफिस को स्थिति से अवगत कराएंगे।
समझिए पूरा मामला
हिंदी अध्यापक राजेश कुमार यादव के अचानक किए गए तबादले ने शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर भी एक साथ कई सवाल खड़े कर दिए हैं। पहला कागजों में हिंदी अध्यापक का पद सरप्लस दिखाया हुआ है जबकि हकीकत में वहां कक्षा 6 वीं से 10 वीं तक पढाने वाले ही वे एक मात्र शिक्षक है।नियमानुसार 9 वीं से 10 वीं के विद्यार्थियों के लिए अलग से शिक्षक होना अनिवार्य है। जिसे पिछले तबादला नीति में सरप्लस बताकर यहां से शिक्षक को स्थानांतरित कर दिया। ऐसे में बनने वाली सरप्लस रिपोर्ट ही पूरी तरह से कटघरे में आ रही है। दूसरा ऐसे समय में सरप्लस का हवाला देकर तबादला किस आधार पर किया जा रहा है जब परीक्षा के कुछ दिन ही बचे हैं। कायदे से शिक्षा सत्र शुरू होने के प्रारंभिक चरण में इस नीति पर अमल होना चाहिए। हालांकि जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी ने विश्वास दिलाया है कि विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ नहीं होने दी जाएगी।
5 गांवों के विद्यार्थी पढ़ते हैं स्कूल में ,ग्राम पंचायतों जताया विरोध
स्कूल में गांव कुंड, मनेठी, पाडला, चिताडूंगरा एवं साथ लगते राजस्थान के गांव महतावास के विद्यार्थी पढ़ने के लिए आते हैं। जिला पार्षद आजाद नांधा, गांव कुंड की सरपंच सोनिया गुप्ता, मनेठी सरपंच श्योताज सिंह, पाडला सरपंच रचना देवी, चिताडूंगरा सरपंच रामफल ने शिक्षा अधिकारियों से अनुरोध किया है कि वह विद्यार्थियों के भविष्य को देखते हुए तुरंत प्रभाव से इस तबादले को स्थगित करें।