संसद सुरक्षा चूक की घटना बेहद गंभीर, चिंताजनक: पीएम मोदी

रणघोष अपडेट. देशभर से 

संसद सुरक्षा चूक के लिए विपक्ष के तीखे हमले के बीच अब पहली बार पीएम मोदी ने इस घटना पर चिंता जताई है। प्रधानमंत्री ने इस घटना को बेहद गंभीर और चिंताजनक बताया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला पूरी गंभीरता के साथ ज़रूरी क़दम उठा रहे हैं और घटना की गंभीरता को कम करके नहीं आंका जाना चाहिए।उन्होंने कहा कि इस पर बहस करने की कोई ज़रूरत नहीं है और इसकी विस्तृत जांच की जानी चाहिए। इसी हफ्ते घटी इस घटना को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने दैनिक जागरण के साथ एक इंटरव्यू में कहा, ‘संसद में हुई घटना की गंभीरता को बिल्कुल भी कम नहीं आँका जाना चाहिए। इसलिए, स्पीकर पूरी गंभीरता के साथ आवश्यक क़दम उठा रहे हैं।’ पीएम ने कहा कि जांच एजेंसियां गहन जांच कर रही हैं।पीएम मोदी का यह बयान संसद सुरक्षा चूक को लेकर आया है। 13 दिसंबर को, 2001 के संसद हमलों की 22वीं बरसी पर दो आरोपी – सागर शर्मा और मनोरंजन डी – शून्यकाल के दौरान पब्लिक गैलरी से लोकसभा कक्ष में कूद गए थे। संसद में तब अफरा-तफरी का माहौल बन गया था जब दोनों ने आँसू गैस जैसी कोई चीज छोड़ी। टेलीविज़न फ़ुटेज में वे एक डेस्क से दूसरे डेस्क पर कूदते हुए और सदन की वेल की ओर जाते हुए दिखे थे। दोनों को आख़िरकार पकड़ लिया गया। उनके पास से विजिटर पास बरामद हुआ जिसको बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा के कार्यालय द्वारा जारी किया गया था। 

बाद में पता चला कि संसद परिसर के पास से दो लोग और पकड़े गए। लगभग उसी समय दोनों- अमोल शिंदे और नीलम आजाद ने संसद परिसर के बाहर “तानाशाही नहीं चलेगी” और अन्य नारे लगाते हुए रंगीन धुआं छोड़ा था। चारों के पकड़े जाने के बाद फिर एक और को गुरुग्राम से हिरासत में लिया गया। बाद में मास्टरमाइंड कहे जा रहे ललित झा नाम के एक आरोपी को भी गिरफ़्तार कर लिया गया।दिल्ली पुलिस का कहना है कि 13 दिसंबर को संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले में गिरफ्तार किए गए पांच आरोपियों ने खुलासा किया है कि उन्होंने खुद को चोट पहुंचाए बिना, अधिक नाटकीय बनाने और मीडिया को आकर्षित करने के लिए अपने शरीर पर आग प्रतिरोधी जेल लगाने के बाद आत्मदाह करने का विचार किया था।पाँचों आरोपियों ने पहले आत्मदाह की योजना बनायी थी लेकिन उन्होंने बाद में इस विचार को छोड़ दिया और धुएं के डिब्बे के साथ लोकसभा कक्ष में कूदने की योजना पर फैसला किया।बहरहाल, हिंदी अख़बार के साथ इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा, ‘इसके पीछे के तत्वों को समझना, योजनाएं क्या हैं और इसका समाधान ढूंढना भी उतना ही ज़रूरी है। समाधान की तलाश भी खुले दिमाग से होनी चाहिए। हर किसी को ऐसे मामलों पर विवाद या प्रतिरोध से बचना चाहिए।’बता दें कि कांग्रेस ने पीएम मोदी पर सुरक्षा चूक को लेकर आज ही हमला बोला है। कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने एएनआई से कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी को ध्यान देना चाहिए कि आज़ाद भारत में अब तक कोई भी सुरक्षा तोड़कर संसद में नहीं घुसा है। प्रधानमंत्री जो बात संसद के बाहर कहते हैं, वह संसद के अंदर क्यों नहीं कह सकते?’विपक्षी गठबंधन को लेकर एक सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा, ‘ये धारणा भी विपक्षी गठबंधन की बनाई हुई है कि ये चुनाव सिर्फ कांग्रेस के विरुद्ध थे, जबकि हकीकत कुछ और है। ये नए-नए प्रयोग करते रहते हैं। इस चुनाव में भी इन्होंने ऐसा करने की कोशिश की। इन्होंने हर सीट पर ऐसे उम्मीदवार उतारे और ऐसे दलों को सपोर्ट किया, जिससे भाजपा को मिलने वाले वोटों का विभाजन हो सके। भाजपा के सामने ये इंडी गठबंधन (इंडिया गठबंधन) तो था ही एक नई प्रकार की रणनीति और एक नया प्रयोग भी था। सामने कुछ था लेकिन पर्दे के पीछे गठबंधन था।’ उन्होंने आगे कहा, ‘इन्होंने योजना बनाकर भाजपा उम्मीदवारों के वोट काटने का मायाजाल रचा था, लेकिन जनता ने इनकी सारी साजिशों को नाकाम कर दिया। अब ऐसा संभव नहीं है कि विपक्षी गठबंधन के लोग जो भी झूठ कहेंगे, जनता उसे मान लेगी’।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *