रणघोष अपडेट. चरखी दादरी
हाल ही में पेश केंद्रीय बजट में किसानों के हिस्से धोखे के सिवाए कुछ नहीं मिला है। यह बात किसान नेताओं ने बजट पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कितलाना टोल पर चल रहे अनिश्चित कालीन धरने पर कही। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में बजट रखते हुए सफेद झूठ बोला और कहा कि हमारी सरकार ने एमएसपी डेढ़ गुना कर दी है जबकि हकीकत यह है कि भाजपा राज में फसल पर लागत जरूर डेढ़ गुना हो गई है।उन्होंने कहा कि आटो पार्टस पर टैक्स बढ़ा दिया गया है जिससे ट्रैक्टर की मेंटीनेंस महंगी हो जायेगी। उन्होंने कहा कि आज अंतर्राष्ट्रीय मार्किट में कच्चे तेल की कीमत 54 डॉलर प्रति बैरल होने के बावजूद डीजल की कीमतें उच्चतम स्तर को छू रही हैं। बजट में डीजल पर 4 रुपए और पैट्रोल पर 2.50 रुपए उपकर लगा दिया है जिसका प्रभाव अंततः जनता पर ही पड़ना लाजमी है। वक्ताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान निधि में 13 प्रतिशत की कटौती और कृषि बजट 6 प्रतिशत की कमी करके सरकार का असली चेहरा जनता के सामने आ गया है। उन्होंने कहा कि किसान सरकारी बैंकों में जाकर अपने आप महफूज मानते हैं लेकिन सरकार उनपर तालाबंदी का प्रयास कर रही है। हर क्षेत्र को प्राइवेट कंपनियों के हाथों सौंप सरकार अपने चेहतों को मालामाल करना चाहती है। सरकार को गरीब व मध्यम वर्ग के हितों का कोई ध्यान नहीं है। कितलाना टोल पर 40वें दिन चल रहे अनिश्चित कालीन धरने पर सुरजभान सांगवान, बलवंत नंबरदार, बिजेंद्र बेरला, गंगाराम श्योराण, राजसिंह जताई, रणधीर कुंगड़, राकेश आर्य, सुभाष यादव, कृष्णा छपार, निर्मला पांडवान ने संयुक्त अध्यक्षता की। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस द्वारा निर्दोष किसानों पर बनाये मुकदमे रद्द करके रिहा नहीं किया गया और इंटरनेट की बहाली नहीं कि गई तो संयुक्त किसान मोर्चा के निर्देश पर 6 फरवरी को 3 घंटे के लिए सभी राजमार्ग जाम किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन को कवर कर रहे पत्रकारों को नाजायज तंग करने से सरकार बाज आये। उन्होंने कहा कि दिल्ली में हर बॉर्डर पर जिस तरीके से सड़कों पर नुकीले तार और लोहे के बड़े बड़े नुकीले सरिए लगाये जा रहे हैं वो अंग्रेजों के शासन की याद दिलाते हैं। ये बेहद चिंतनीय विषय है अगर वहां कोई दुर्घटना होती है उसके लिए पूर्ण रूप से केंद्र और हरियाणा सरकार जिम्मेदार होगी। धरने के 40वें दिन भी टोल फ्री रहा। धरने के मंच संचालन कामरेड ओमप्रकाश ने किया। इस अवसर पर रणधीर घिकाड़ा, राजू मान, दयानंद रुहेला, रत्तन सिंह अख्तियारपूरा, राजकुमार हड़ौदी, बलजीत फौगाट, कृष्ण लेघा, दिलबाग नीमड़ी, चांद बेग, रामनिवास छपार, धर्मपाल यादव, मांगेराम, राजपाल मैनेजर, सत्या लेघा, मुकेश पहाड़ी, संतोष देशवाल, बीरमति, अमर सिंह हालुवासिया, अशोक ढोला, होशियार सिंह, ऋषिराम, अश्वनी क्रांति, प्रोफेसर राजेन्द्र डोहकी, रामकुमार सोलंकी, रामफल देशवाल, जगराम सरपंच, रत्तन बोहरा, सूबेदार सतबीर इत्यादि मौजूद थे।