कृषि के काले कानूनों के विरोधा में जयसिंहपुर खेडा बॉर्डर पर बैठे संयुक्त किसान मोर्चा को पूर्व मंत्री कैप्टेन अजय सिंह यादव ने धरना स्थल पर पंहूचकर अपना समर्थन दिया। कैप्टेन अजय सिंह ने किसानों को समर्थन देते हुए कहा कि सरकार को किसानों के आगे एक दिन झूकना पडेगा और तीनों कृषि कानूनों को वापिस लेना पडेगा क्योंकि सत्य को कभी पराजित नही किया जा सकता। कैप्टेन अजय सिंह ने कहा कि किसानों को बदनाम करने के लिए जितनी कौशिस भाजपा सरकार कर रही है उतनी कौशिस देश की प्रगति में लगाते तो आज देश को बेचना नही पडता। किसानों की देश भक्ति पर उंगली उठाने वाली सरकार को शायद ये नही पता कि देश की सीमाओं की रक्षा जो कर रहे हैं वो किसानों के बेटे ही हैं। आंदोलन कि दौरान करीब 200 किसान शहादत दे चुके हैं, लेकिन उनकी शहादत के लिए सरकार के मुंह से संवेदना का एक शब्द भी नही निकला। उन्होंने कहा कि लाल किले पर जो हुआ वह निंदनीय है। लेकिन आरएसएस की शाखाओं पर आज तिरंगा नही फहराया जाता है। क्या आरएसएस के लोग तिरंगें की तोहिन नही कर रहे हैं। श्री यादव ने कहा कि अगर कृषि कानून इतने ही अच्छे थे तो महामारी के दौर में अध्यादेश के जरिए चोरी–छिपे क्यों लाग किए। कैप्टेन ने कहा कि किसान आंदोलन पर विदेशी लोगों से समर्थन मिलने पर सरकार को क्यों बुरा लग रहा है। जबकि कोरोना काल में नमस्ते ट्रम क्या था। इस सरकार को जनता की तखलीफो से कोई मतलब नही है। इनको सिर्फ अपने पूंजीपति दोस्तों से प्यार है। इस मौके पर उनके साथ सुधीर चौधरी, जगमोहन सरपंच, राहुल यादव, वर्धन यादव, प्रवीण यादव, लाल सिंह यादव, राज ठेकेदार, प्रवेश मानेसर, जीतु पहलवान, रमेश खंडेवला, सुभाष सरपंच के अलावा किसान नेता उपस्थित रहे।