कृषि के काले कानूनों के खिलाफ मेवात के सुनहेडा बार्डर पर धरने पर बैठे किसानों को पूर्व मंत्री कैप्टेन अजय सिंह यादव ने धरना स्थल पर पंहूचकर अपना समर्थन दिया। कैप्टेन अजय सिंह ने किसानों को समर्थन देते हुए कहा कि सरकार को किसानों के आगे एक दिन झूकना पडेगा और तीनों कृषि कानूनों को वापिस लेना पडेगा क्योंकि सत्य को कभी पराजित नही किया जा सकता। उन्होंने कहा कि मेवात की प्रमुख मांगे यहां पर विश्वविद्दालय खोलना, ट्रेन चलाना, कोटला झील इन तरफ तो सरकार का कभी ध्यान नही जाता। लेकिन किसानों को बर्बाद करने के लिए ये काले कानूनों को लगाने में सरकार ने जरा सा भी समय नही लगाया। कैप्टेन अजय सिंह ने कहा कि किसानों को बदनाम करने के लिए जितनी कौशिस भाजपा सरकार कर रही है उतनी कौशिस देश की प्रगति में लगाते तो आज देश को बेचना नही पडता। किसानों की देश भक्ति पर उंगली उठाने वाली सरकार को शायद ये नही पता कि देश की सीमाओं की रक्षा जो कर रहे हैं वो किसानों के बेटे ही हैं। आंदोलन कि दौरान करीब 200 किसान शहादत दे चुके हैं, लेकिन उनकी शहादत के लिए सरकार के मुंह से संवेदना का एक शब्द भी नही निकला। यादव ने कहा कि टीकरी बार्डर, सिंधु बार्डर और गाजीपुर बार्डर पर सरकार ने जिस तरीके से कंटीले तार और बडी-बडी कीलें लगा दी जैसे तो यह भारत-पाकिस्तार की बार्डर है। किसानों के शांति पूर्वक धरने से भी सरकार को डर लग रहा है। जभी सभी बार्डर पर इतना कडा इंतजाम किया है। उन्होंने कहा कि अगर कृषि कानून इतने ही अच्छे थे तो महामारी के दौर में अध्यादेश के जरिए चोरी-छिपे क्यों लाग किए। इस मौके पर उनके साथ पूर्व विधायक हबीबुर्र रहमान, जावेद, मुबारिक नोटकी, मुबारिक मलिक, सलिम कुरैशी, असलम मलिक, बक्कर कुरैशी, एडवोकेट फारुख अब्दुला, नसीम बांदोली, तोसित बिसरू इत्यादि मौजूद रहे।