सरकार- बारिश से लड़ते हुए किसानों के हौसलों में कमी नहीं, समर्थन में आए ग्रामीण

जिला से आज सैकड़ों नागरिकों ने खेड़ा बॉर्डर पहुंचकर केंद्र सरकार के 3 किसान विरोधी काले कानूनों के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया। जन आंदोलन में सक्रिय कामरेड राजेंद्र सिंह एडवोकेट ने कहा कि रेवाड़ी के गांव गांव से काफी संख्या में नागरिक अपने स्तर पर किसान आंदोलन में हिस्सा ले रहे हैं और यह आंदोलन लगातार और भी तेज होता जा रहा है। मौसम जैसी विषम परिस्थितियों में किसान आंदोलन के मोर्चे पर डटे हुए हैं। किसानों का कहना है बरसात और सर्दी किसान के जीवन का मित्र है। बरसात और सर्दी और गर्मी का मुकाबला करते हुए ही हम देश के लिए अन पैदा करते हैं जिस अनाज को एक जवान और देश के तमाम लोग खाकर जिंदा रहते हैं। अगर मोदी की सरकार इन काले कानूनों को वापस नहीं लेगी तो किसान की रोटी रोजी का भी निजी करण हो जाएगा। रोटी रोजी के लिए अदानी अंबानी जैसे कॉर्पोरेट घरानों की मुंह की तरफ देश की जनता को देखना होगा, इसलिए आंदोलन एक किसान आंदोलन ना होकर विशाल जन आंदोलन है जिसमें समाज के तमाम तब के इस आंदोलन से जुड़ चुके हैं।

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