सरकार बेरहम,विषम परिस्थितियों से जूझ रहे किसान

कितलाना टोल के धरने पर 126वें दिन किसानों में बढ़ती गर्मी के बावजूद जोश बरकरार


जिले के कितलाना टोल प्लाजा पर चल रहे किसानों के अनिश्चितकालीन धरने को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि आज किसान विषम परिस्थितियों से जूझ रहे हैं। किसान आंदोलन के चलते तीन काले कानून रद्द करवाना जहां हमारी प्राथमिकता है वहीं कोरोना को भी हराना है। किसान हर मोर्चे पर अडिग हैं लेकिन सरकार  का रवैया बेहद उदासीन है। सरकार ना संयुक्त किसान मोर्चा से बातचीत को आगे बढ़ा रही है और ना ही कोरोना महामारी से ढंग से निपट पा रही है। उन्होंने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि हालात इतने विकट हैं कि मरीजों को सही उपचार मिलना दूभर हो रखा है और परिस्थितियां सरकार के काबू से बाहर नजर आ रही हैं। ऐसे में हर नागरिक का दायित्व बनता है कि वो खुद संभले और दूसरों की भी रक्षा करे। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के पहले दौर में किसानों ने ही देश की अर्थव्यवस्था को संभाला था अबकी बार भी किसान पीछे नहीं हटेंगे। कितलाना टोल पर चल रहे अनिश्चितकालीन धरने के 126वें दिन मास्टर ताराचंद चरखी, सूबेदार सत्यवीर सांगवान, कृष्णा छपार, सत्यवान कालुवाला, बीरमति डोहकी ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि हालात कैसे भी रहें लेकिन किसान आंदोलन बदस्तूर जारी रहेगा और तीन काले कानून रद्द करवाकर ही रुकेगा। उन्होंने कहा कि हम अपने भविष्य की लड़ाई लड़ रहे हैं और आज समाज का हर वर्ग किसानों की जायज संघर्ष में उनके साथ खड़ा है।  धरने का मंच संचालन रणधीर घिकाड़ा ने किया। इस अवसर पर सुरजभान सांगवान, धर्मेन्द्र छपार, सुरेन्द्र कुब्जानगर, प्रेम सिंह, धर्मवीर समसपुर, जगदीश हुई, रतन्नी, संतरों, भतेरी, निम्बो, शीला, कलावती, ब्रह्मा, बिमला, पूर्व सरपंच समुन्द्र सिंह इत्यादि मौजूद थे।

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