सरकार व प्रशासन नहीं रोक पा रहा भिवाड़ी से आने वाले गंदे पानी को
यह पानी अब आमजन के साथ ही किसानों के लिए बड़ी परेशानी बनने लगा
राजस्थान के भिवाड़ी से आने वाला केमिकल युक्त प्रदूषित पानी धारूहेड़ा औद्योगिक क्षेत्र के साथ-साथ आसपास के गांव के लोगों के लिए भी एक अभिशाप के रूप में सामने आने लगा है। पिछले कई दिनों से धारूहेड़ा औद्योगिक क्षेत्र में इस पानी के भारी मात्रा मे पहुँचने के साथ ही इसकी अधिकता से यह पानी ओवरफ्लो होकर आसपास के गाँवो की तरफ रुख करने लगा है इसी के चलते हैं खटावली की सीमा में स्थित किसानों के खेतों में भी प्रदूषित पानी फसलो को बर्बाद कर रहा है।
इसी समस्या को लेकर बुधवार को गांव खरखड़ा निवासी किसान राधेश्याम ने जिला उपायुक्त कार्यालय पहुंचकर उपायुक्त महोदय को फसल में भरे पानी को निकलवाने और इस पानी को रोकने के साथ ही खराब हुई फसल का मुआवजा दिलवाए जाने मांग की है किसान राधेश्याम ने बताया कि उसने 5 एकड़ में गेहूं व सरसों की फसल बोई हुई है और पिछले 2 दिनों से इस फसल में धारूहेड़ा क्षेत्र से लगातार बहता हुआ बदबूदार काला पानी आकर भरने लग रहा है।
यह पानी इतना जहरीला व खतरनाक है कि इसकी जद में आए सभी पेड़ पौधे व फसल पूरी तरह से खत्म हो जाते हैं। पिछले वर्ष भी बारिश के मौसम में इसी तरह ये पानी किसानों की चावल व बाजरे की फसल में घुस गया था जिससे की कई एकड़ की वो फसल पूरी तरह खराब हो गई थी। अब फिर से यह पानी बगैर बारिश के ही खेत में पहुंचने लग रहा है अगर प्रशासन द्वारा अभी भी समय रहते इसे नहीं रोका गया तो यह आसपास लगते खेतों, स्कूल, उद्योगों व किसानों के खेतों सहित पास ही स्थित राधा स्वामी सत्संग व्यास के अंदर भी पहुंच जाएगा।
धारूहेड़ा की सैंकडो एकड़ फसल जलमग्न – भिवाड़ी से लगातार नाले के माध्यम से बहकर दिल्ली जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग के नीचे से होकर औद्योगिक क्षेत्र धारूहेड़ा में बंद पड़ी एक औद्योगिक इकाई के साथ ही रैपिड मेट्रो द्वारा खरीद की गई सैकड़ों एकड़ भूमि में भारी मात्रा में भरा खड़ा है। यह पानी पूरी तरह से काला बदबूदार होने के साथ ही इतना प्रदूषित है कि इसके पास से निकलने पर वातावरण में सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है।अब तो यह पानी लगातार इतनी तेजी से आ रहा है कि जिस भूमि में यह भरा है वहां पर इसकी क्षमता ज्यादा होने के चलते ओवरफ्लो होकर आसपास के खाली पड़े भूखंड व औद्योगिक इकाइयों के साथ ही पास लगते गांव की तरफ सड़कों व बरसाती नालों के माध्यम से लगातार पहुंच रहा है। सड़को पर भी पानी बहने से औद्योगिक क्षेत्र आने वाले वाहन चालकों व लोगों को परेशान कर रहा है।
वर्षो से बनी समस्या, सरकारे बदली नही हो पाया समाधान- इस पानी को लेकर पिछले करीब 13 वर्षों से धारूहेड़ा निवासी बड़ी परेशानी झेल रहे हैं फिर चाहे वह कालोनियों व सेक्टर में रहने वाले लोग या फिर औद्योगिक क्षेत्र क्षेत्र के व्यापारी हो यह पानी सभी लोगों के लिए एक बड़ी परेशानी बना हुआ है धारूहेड़ा औद्योगिक क्षेत्र में चारों तरफ बदबूदार केमिकल युक्त पानी की वजह से वातावरण इतना प्रदूषित है कि सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है और इसी के साथ ही धारूहेड़ा के अंदर किसी नए उद्योग की स्थापना नही होने की वजह से इस औद्योगिक क्षेत्र का विकास रुका हुआ है।इसी के साथ ही इस पानी की वजह से दिल्ली जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग भी जाम की स्थिति में पहुंच जाता है और यह समस्या प्रदेश ही नहीं केंद्र तक बार-बार पहुंच रही है लेकिन अभी तक धरातल पर समाधान के रूप में कुछ भी देखने को नहीं मिला है यह पानी लगातार बहता हुआ धारूहेड़ा पहुंच रहा है और इसकी मात्रा में भारी इजाफा होने से अब यह पानी धारूहेड़ा के साथी आसपास के गांव के हजारों लोगों के लिए बड़ी परेशानी का कारण बनने लगा है।
राजस्थान व हरियाणा इन दो राज्यों के इस मामले को लेकर हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण विभाग पूरी तरह प्रयासरत है ये मामला एनजीटी व सुप्रीम कोर्ट मे भी लंबित है-विनोद बाल्यान क्षेत्रीय अधिकारी हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण विभाग धारूहेड़ा।