शशि सैनी गुट का दावा झूठा निकला, रजिस्ट्रार ने कहीं नहीं कहा चुनाव रद्द किया जाए
रणघोष अपडेट. रेवाड़ी
शहर की सबसे बड़ी संस्था सैनी सभा में चुनाव के दौरान डाले गए फर्जी वोट के आधार पर चुनाव रद्द कराने की जिला रजिस्ट्रार की रिपोर्ट पर शशिभूषण सैनी गुट का दावा झूठा निकला। शशिसैनी गुट ने जारी प्रेस नोट में जिला रजिस्ट्रार के पत्र का हवाला देते हुए कहा था कि रजिस्ट्रार ने चुनाव को रद्द करने के लिए स्टेट रजिस्ट्रार के पास केस को रेफर कर दिया है। इस पर दूसरे पक्ष ने तुरंत साक्ष्यों के साथ जवाब देते हुए कहा कि तमाम आरोप झूठे निकले। सभा के प्रधान नवीन सैनी एवं पूर्व प्रधान चेतराम सैनी ने कहा कि जिला रजिस्ट्रार की जांच में रिटर्निंग अधिकारी ने बताया कि जिन 11 वोटों को फर्जी तरीके से डालने की बात कही जा रही है उनमें से 6 वोट तो डली ही नहीं। इसके अतिरिक्त केवल एक वोट फर्जी तरीके से डाली गई और वह भी शिकायतकर्ता पार्टी की तरफ से और जिसकी वोट गलत तरीके से डली उसका खुद का भाई पोलिंग एजेंट था। रजिस्ट्रार की जांच में स्पष्ट तौर पर लिखा गया है कि फर्जी आधार कार्ड से वोट डालने की शिकायत शहर थाना और माडल टाउन थाना में दी गई थी। आरटीआइ से मिली सूचना के अनुसार फर्जी आधार कार्ड से वोट डालने के मामले में शिकायतकर्ता एक भी साक्ष्य प्रस्तुत नहीं कर पाए। सैनी सभा के चुनाव को लेकर झूठे आरोप लगाने वालों को जिला रजिस्ट्रार की जांच में करारा जवाब मिला है। जिला रजिस्ट्रार की जांच में साफ तौर पर सामने आ गया है कि सैनी सभा के चुनाव में कोई फर्जीवाड़ा नहीं हुआ तथा उन्होंने फाइल को वापस स्टेट रजिस्ट्रार को ही लौटा दिया है। इससे सच्चाई की जीत हुई है। हैरानी इस बात की रही कि चुनाव से पूर्व जिस कार्यकारिणी ने वोटिंग सूची बनाई थी, चुनाव में हार हो जाने के बाद उन्हीं लोगों ने मतदाता सूची व वोटों को लेकर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि जिला रजिस्ट्रार ने तमाम जांच के बाद अपने निर्णय में कुछ गड़बड़ी करने का प्रयास जरूर किया लेकिन इससे उनकी व विरोधी पार्टी दोनों की ही पोल खुली है। अपने निर्णय में रजिस्ट्रार ने लिखा है कि दोनों पार्टियों ने माना कि फर्जी वोट डली है जबकि ऐसा कोई प्रमाण जिला रजिस्ट्रार के पास नहीं है जो यह साबित कर सके कि दोनों पार्टियां खुद ही फर्जी वोट मान रही है। अगर ऐसा कोई प्रमाण जिला रजिस्ट्रार के पास हो तो वह दिखा सकते हैं। जिला रजिस्ट्रार ने मामले की फाइल स्टेट रजिस्ट्रार को वापस भेजते हुए लिखा है कि सेक्शन चालीस के तहत गर्वर्निंग बाडी पर कार्रवाई करने का अधिकार उनके पास नहीं है। इससे साफ है कि जिला रजिस्ट्रार को पूरे मामले में कहीं कोई खामी मिली ही नहीं है। अगर कोई खामी मिलती तो सेक्शन 40 के अनुसार कार्रवाई का अधिकार उनके पास भी है। यहां बता दें कि शशि सैनी गुट ने जारी प्रेस नोट में दावा किया था कि चेतराम सैनी ग्रुप ने उक्त चुनाव में फर्जी आधार कार्ड का इस्तेमाल करते हुए फर्जी वोट डाले थे। जिसे जिला रजिस्ट्रार ने अपनी जांच में माना है। यह सच्चाई की जीत है। जबकि जांच रिपोर्ट में चुनाव रद्द करने की कोई सिफारिश नहीं की गई है।