रणघोष खास. राजीव अरोड़ा नागपुर से
दिलीप चित्रे ने बताया कि सौर ऊर्जा से चलने वाले वाहनों में इंजन की बजाय इलेक्ट्रिक बैटरी ऑपरेटेड व्यवस्था बनानी होती है। इसमें 4 बैटरी का 4 बैटरी में सोलर प्लेट का प्रयोग किया जाता है। सोलर प्लेट को वाहन की छत पर रखा जाता है ।सोलर रूफटॉप होने के कारण दिनभर सौर ऊर्जा मिलती रहती है और आप आराम से अपने वाहन को चला सकते हैं। यदि बाई चांस आपकी सौर ऊर्जा चालित चार्जिंग समाप्त भी हो जाए तो आप इसे सामान्य बिजली की सहायता से भी 51 वोल्ट तक चार्ज करके 21 किलोमीटर तक फर्राटा भर सकते हैं।।
इस अनूठी तकनीक के माध्यम से अपनी मारुति वैन को नागपुर की सड़कों पर सरेआम चलाते हुए आम नागरिक इसे देखकर कौतुहल से अपने दांतो तले उंगली दबा लेता है। युवा एक बार ट्राई मारने के लिए उनसे अनुरोध करते हैं कि मैं भी एक बार चला कर देखना चाहता हूं।
आवश्यकता है दिलीप चित्र जैसे मध्यम वर्गीय वैज्ञानिकों के लिए सरकारी संस्थानों के द्वारा पर्याप्त संरक्षण प्रदान करने की। केंद्र सरकार द्वारा चलाई गई गैर पारंपरिक स्रोत के व्यापक इस्तेमाल की योजना को यदि सरकारी अधिकारी दिलीप चित्रे के अनुसंधान शोध में गंभीरता लेकर रूचि दिखाएं और उनकी खोज और संशोधन को आवश्यक पेटेंट आदि दिला दें तो यह नागपुर का मध्यम वर्षीय भीड़ में चमकता हुआ चेहरा दिलीप चित्रे पर्यावरण संरक्षण एवं कार्बन उत्सर्जन घटाने की दिशा में पूरे विश्व भर में भारत का नाम पर्यावरण संरक्षण के पटल पर रोशन कर सकता है।