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स्टोन क्रेशरों व पर्यावरण प्रदूषण के विरोध में नांगल चौधरी क्षेत्र के हजारों लोगों ने नारनौल की सड़कों पर उतरकर सोमवार क़ो भारी विरोध प्रदर्शन किया जिसमें महिलाओं की भूमिका भी बड़ी भारी संख्या में थी, सभी लोगों ने चितवन वाटिका से पैदल मार्च करते हुए बड़े जोश जुनून के साथ नारेबाजी करते हुए अंत मे लघु सचिवालय क़ो घेर लिया और जिला प्रशासन को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा! गौरतलब है कि जिला महेंद्रगढ़ के स्टोन क्रेशरों के खिलाफ में इंजीनियर तेजपाल यादव 3 वर्ष से लंबी लड़ाई लड़ रहे हैं उन्होंने एनजीटी में पर्यावरण प्रदूषण के खिलाफ एक याचिका लगाई थी! उसी कड़ी में माननीय एनजीटी कोर्ट ने 24 जुलाई 2019 को Tejpal vs State Of Haryana के केस मे हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले की 72 अवैध स्टोन क्रेशरों को तत्काल बंद करने के आदेश दिए थे लेकिन दुर्भाग्यवश हरियाणा विधानसभा चुनाव के नजदीक आते देख अधिकारियों की मिलीभगत की वजह से इस आदेश को लागू नहीं किया गया जिससे स्टोन क्रशर संचालकों को सुप्रीम कोर्ट जाने का अवसर मिल गया और उसके बाद में पूरे देश में फैले वैश्विक महामारी और कोरोना काल के चलते साल भर के लिए सभी न्यायपालिका व कोर्ट के बंद रहने के चलते मामला लंबा खिंच गया, लेकिन 15 महीने के बाद ही इंजी तेजपाल यादव की तरफ से प्रसिद्ध वकील माननीय प्रशांत भूषण की मजबूत पैरवी की वजह से इस केस क़ो 2 नवंबर 2020 को को वापस एनजीटी को ट्रांसफर कर दिया गया ! और 3 दिसंबर 2020 को एनजीटी ने 24 जूलाई 2019 के 72 स्टोन क्रेशरों क़ो तुरन्त बंद करने व इस मामले से संबन्धित तमाम भ्रष्ट अधिकारियों पर हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी क़ो कार्रवाई करने के अपने पिछले आदेश क़ो यथावत लागू करने के आदेश दिए! इसके साथ ही महेंद्रगढ़ ज़िले के सभी क्रेशर प्रभावित गाँवों के स्वास्थ्य की जांच के आदेश नारनौल के जिला प्रशासन व हरियाणा प्रदूषण नियन्त्रण विभाग क़ो दिए थे। इंजी तेजपाल यादव नें कहा कि बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि माननीय एनजीटी के आदेश के 4 महीने बीत जाने के बावजूद भी अभी तक कोई भी जमीनी कार्रवाई नजर नहीं आ रही है! 8 अप्रैल 2021 की अगली तारीख निर्धारित की गई थी जिस पर जिला प्रशासन, हरियाणा प्रदूषण नियन्त्रण विभाग को एनजीटी के 3 दिसंबर 2020 के आदेश की अनुपालना मे कार्रवाई करके रिपोर्ट एनजीटी क़ो सौंपनी थी, लेकिन अभी तक कोई रिपोर्ट नहीं सौंपी गयी है, क्षेत्र के हजारों लोग स्टोन क्रेशरों की उड़ती भारी धूल, भयंकर पर्यावरण प्रदूषण व बीमारियों से घुट–घुट कर मरने को मजबूर है। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका के आदेशों की पालना ना होते हुए नियमों क़ा सरेआम घोर उल्लंघन किया जा रहा है जिसका खामियाजा क्षेत्र की जनता को भुगतना पड़ रहा है! बुजुर्ग, महिलाएं व बच्चे टीबी, सिल्कॉसिस, चर्म रोग, दमा, अस्थमा, , एलर्जी और अनेक बीमारियों से ग्रसित होते जा रहे हैं! स्टोन क्रेशरों से उड़ती भारी धूल की वजह से यहां के पेड़ पौधे, हरे की बजाय सफेद दिखाई देने लगे हैं व यहां की कृषि योग्य भूमि धीरे–धीरे तबाह होती जा रही है और उस पर इतनी ज्यादा धूल जमा हो चुकी ही कि जमीन पूरी तरह सफेद चून की तरह नजर आती है! नांगल चौधरी क्षेत्र के धोलेडा, बिगोपुर व आसपास के गांवों के रहने वाले सैकड़ों परिवार स्टोन क्रेशरों की उड़ती भारी धूल व भयंकर बीमारियों से परेशान होकर आज गांव छोड़कर शहर जाकर बस चुके हैं और लोग धीरे–धीरे गांव से निकलकर शहर की तरफ पलायन कर रहे हैं! यहां का पर्यावरण बहुत ही खराब हो चुका है, क्षेत्र के दर्जनों गांवों के लोगों का जीना मुहाल हो चुका है! अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ने के लिए अब निर्णायक मोड में पहुंचकर इस लड़ाई को अमलीजामा पहुंचाने के लिए क्षेत्र के लोग आज हजारों की तादाद में इस प्रशासन व हरियाणा सरकार को ये बताने के लिए आए हैं कि अगर कोर्ट के आदेश को लागू नहीं किया गया तो हम किसी भी हद तक आंदोलन करेंगे। इंजीनियर तेजपाल यादव के नेतृत्व में सभी लोगों ने जिला उपायुक्त के मार्फत जो ज्ञापन मुख्यमंत्री को दिया उसमें निम्न मांगे मुख्य रूप से रखी इसमें सेंट्रल ग्राउंड वॉटर अथॉरिटी (सीजीडब्लयूए) द्वारा नांगल चौधरी क्षेत्र नोटिफाइड एरिया यानी की डार्क जोन में आता है यहां पर पानी का अवैध दोहन बिल्कुल प्रतिबंधित है, लेकिन स्टोन क्रेशरों द्वारा पानी क़ा सरेआम अंधाधुन्ध अवैध दोहन किया ज़ा रहा है, इसलिए इस महत्वपूर्ण बिंदु को ध्यान में रखते हुए नांगल चौधरी क्षेत्र में स्टोन क्रेशर की कोई भी नई एनओसी न जारी की जाए। माननीय एनजीटी कोर्ट के आदेश पर शीघ्र अमल करते हुए महेंद्रगढ़ जिले के सभी 72 अवैध स्टोन क्रशरों को तुरंत प्रभाव से बंद किया जाए व उनकी एनओसी तुरंत रद्द की जाए। माननीय एनजीटी के आदेश पर जिले व प्रदेश के तमाम संबंधित भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी सख्त कानूनी कार्यवाही अमल मे लाई जाए और दोषी अधिकारियों को तुरंत प्रभाव से बर्खास्त किया जाए। एनजीटी के 3 दिसंबर 2020 के आदेश के अनुसार पूरे महेंद्रगढ़ जिले के क्रेशर प्रभावित गांवों की स्वास्थ्य जांच शीघ्र से शीघ्र करवाई जाए। स्टोन क्रेशरों की उड़ती धूल से जो लोग टीबी, दमा, अस्थमा, साँस लेने मे तकलीफ, चर्म रोग आदि जैसी बीमारियों से ग्रसित हो चुके हैं, स्वास्थय जाँच उपरांत उनको सरकार की तरफ से उचित मुआवजा दिया जाए। उन्होंने आगे चेतावनी देते हुए कहा कि उपरोक्त मांगों को नहीं माना गया तो नांगल चौधरी क्षेत्र के दर्जनों गांवों के लोग जल्द ही बहुत बड़ा जन आंदोलन इस सरजमी पर सरकार के खिलाफ करेंगे जिसकी जिम्मेदारी सिर्फ और सिर्फ सरकार व जिला प्रशासन की होगी। इंजी तेजपाल यादव नें आगे बोलते हुए कहा कि
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