जिला प्रशासन की ओर से नायब तहसीलदार व बीडीपीओ ने पुष्पचक्र अर्पित कियापुलिस प्रशासन की ओर से नहीं पंहुचा कोई अधिकारी व कर्मचारी
कनीना उपमंडल के गांव स्याणा निवासी एवं स्वतंत्रता सेनानी गूगन राम का मंगलवार सुबह देहांत हो गया। वे अपने पीछे भरापूरा परिवार छोड़ गये। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आईएनए के सिपाही 98 वर्षीय गूगन राम पिछले समय से अस्वस्थ थे। उनकी स्मृति कम होती जा रही थी। उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया। उनके तीनों पुत्रों ने गूगन राम को मुखागिन दी। जिला प्रशासन की ओर से नायब तहसीलदार सत्यपाल यादव व बीडीपीओ देशबंधु ने पुष्पचक्र अर्पित किया। उनके पुत्र हरवीर सिंह ने बताया कि सूचना देने के बाद पुलिस प्रशासन की ओर से कोई अधिकारी एवं कर्मचारी सलामी के नहीं पंहुचा। जबकि प्रदेश सरकार की ओर से स्वतंत्रता सेनानियों एवं उनकी वीरांगनाओं के अंतिम संस्कार के समय पूरा सम्मान देने की बात कही गई है। नायब तहसीलदार ने कहा कि देश को आजाद कराने के लिये जिन जाने-अनजाने सैनिकों ने अपने शौर्य का परिचय दिया उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। हरवीर सिंह ने बताया कि 1940 में वे कोसली में तोपखाना से भर्ती हुये थे अंबाला में प्रशिक्षण होने के बाद 1942 में सिंगापुर गये थे जहां नेताजी सुभाष चंद्र बोस की सेना में शामिल हो गये। ब्रिटिश सरकार ने पकड़ कर जेल में डाल दिया था। लगभग छह वर्ष जेल में रहे। जेल में उन्हें यातनायें दी गई। उनके तीन पुत्र धर्मबीर, महाबीर, हरबीर व दो पुत्रीयोंं सहित भरापूरा परिवार है। उनके निधन पर राजस्व विभाग के पटवारी संजीत सिंह, उमेद संह जाखड़, मनोज कुमार, शमशेर कोसलिया,पूर्व सूबेदार वासुदेव यादव, सुमेर सिंह, सजन सिंह, पूर्व सरपंच राजकुमार, राजेंद्र सिंह, करतार सिंह ने शोक जताया है।
एसडीएम ने किया था सम्मानित
प्रदेश सरकार की योजना के मुताबिक निवर्तमान एसडीएम रणबीर सिंह ने बीते स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कनीना सब डिवीजन के दो स्वतंत्रता सेनानियों करीरा के प्रभाती लाल एवं स्याणा के गूगन राम को उनके घर जाकर सम्मानित किया था। उन्होंने आजादी की लड़ाई में अपना योगदान देने वाले जाने-अनजाने शहीदों को याद कर केंद्र एवं प्रदेश सरकार की ओर से जारी कल्याणकारी नीतियों का उल्लेख किया था। गूगन राम के निधन के बाद कनीना उपमंडल में एकामत्र स्व्तंत्रता सेनानी जीवित बचे हैं जो युवाओं को आजादी के युद्ध के किस्से बताते हैं।