उत्तर प्रदेश के वाराणसी में बनाए गए स्वर्वेद महामंदिर का सोमवार 18 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन कर दिया. इस मौके पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे. मंदिर का निर्माण जीआरसी तकनीक द्वारा किया गया है. स्वर्वेद महामंदिर को देश का सबसे बड़ा मेडिटेशन सेंटर भी माना जा रहा है. महामंदिर परिसर में 100 फीट ऊंची सद् गुरुदेव की सैंड स्टोन की प्रतिमा भी स्थापित है. मंदिर से जुड़े संतों ने बताया कि तीन लाख वर्ग फीट में गुलाबी पत्थरों की नक्काशी के लिए 350 से ज्यादा शिल्पियों ने अपनी कलाकारी दिखाई. प्राचीन स्थापत्य कला के समन्वय से बने इस दिव्य आध्यात्मिक केंद्र की एक झलक पाने के लिए दुनिया के अनुयायी उत्सुक हैं. पीएम मोदी के वाराणसी दौरे के दूसरे दिन 25 हजार स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ में भी शामिल हुए. शताब्दी समारम्भ महोत्सव में संत विज्ञान देव महाराज ने विहंगम योग संत समाज के वार्षिकोत्सव में PM मोदी का स्वागत करते हुए कहा कि ये क्षण ऐतिहासिक है. स्वर्वेद महामंदिर का लोकार्पण हो चुका है. साथ ही उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ का भी स्वागत करते हुए हुए कहा कि योगी ही उपयोगी है. हमारा भारत देश पीएम मोदी के नेतृत्व में निरंतर आगे बढ़ रहा है. प्रधानमंत्री राष्ट्र सेवा के लिए समर्पित हैं. भारत ऊंचाई पर बढ़ने के संकल्प की हम आहुतियां देने जा रहे हैं. भारत लगातार आगे बढ़े इसके लिए 25 हजार कुंडीय महायज्ञ में आहुतियां दी जाएंगी. भारत विश्व गुरु था, है और आगे भी रहेगा.
20 हजार लोग एक साथ लगा सकेंगे ध्यान
स्वर्वेद महामंदिर की विशालता को इसी से समझा जा सकता है कि एक वक्त में 20 हजार लोग एक साथ योग और ध्यान लगा सकते हैं. यह मंदिर 3 लाख वर्गफीट में फैला है. विहंगम योग संत समाज के शताब्दी महोत्सव में सीएम योगी ने कहा कि मोदी जी के कर कमलों से आज स्वर्वेद महामंदिर धाम का लोकार्पण हुआ है. इस मौके पर मैं काशी और प्रदेशवासियों की ओर से धन्यवाद ज्ञापित करता हूं. पीएम मोदी जी ने भारत के सर्वागीण विकास को नई गति दी है. हम सबका सौभाग्य है जब किसी संत की साधना मूर्ति रूप लेती है तो इस तरह का धाम बनता है. संत सदाफल जी महाराज ने भारत की आध्यात्मिक विरासत को स्वर्वेद के रूप में प्रस्तुत किया. आज नया भारत अपनी विरासत पर गौरव की अनुभूति कर रहा है. काशी में 1 वर्ष के अंदर 13 करोड़ लोगों का आना इसका उदाहरण है. काशी कॉरिडोर, दिव्य कुंभ, केदारपुरी और महाकाल कॉरिडोर को भव्य बनाया गया है. सीएम ने स्वर्वेद महामंदिर के लोकार्पण और 25 हजार कुंडीय ज्ञान यज्ञ की बधाई भी दी.
स्वर्वेद महामंदिर धाम विश्व का सबसे बड़ा ध्यान केंद्र रहेगा. यहां करीब 20,000 से अधिक लोग एक साथ बैठकर ध्यान कर सकते हैं. 125 पंखुड़ी वाला कमल गुंबद और मकराना संगमरमर पर 3137 स्वर्वेद छंद उत्कीर्ण किया गया है. सद्गुरु सदाफल देव जी महाराज के जीवन पर यांत्रिकी प्रस्तुति बनाई गई है, जिसमें सामाजिक कुरीतियों और सामाजिक बुराइयों का उन्मूलन शामिल है. भारतीय विरासत की झलक दर्शाती जटिल नक्काशीदार बलुआ पत्थर की संरचनाएं और मंदिर की दीवारों के चारों ओर गुलाबी बलुआ पत्थर की सजावट की गई है.