यंग मैंस एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित स्वामी ने कहा कि स्वामी शरणानंद महाराज का असमय संसार से जुदा होना समाज के लिए भारी क्षति है। उन्होंने कहा कि आईआईटी रुडक़ी से इंजीनियरिंग की पढाई करने के बाद उन्होंने समाज उत्थान के लिये धर्मप्रचार के मार्ग को चुना। वे अंग्रेजी, हिंदी व संस्कृत के भाषा के विद्वान थे। उनकी ओर से क्षेत्र में समाज उत्थान के लिये अनेक कार्य किये गये। दड़ौली स्थित उनके आश्रम में एनसीसी के कैडेटों का प्रशिक्षण शिविर लगता रहा है। सभी सुविधायें होने के बावजूद उन्होंने सन्यासी जीवन बिताया। समाज में पनप रहे अंधविश्वास व कुरीतियों को दूर करने के लिये जनता को प्रेरणादायी मार्गदर्शन दिया। स्वामी जी का असमय संसार से जुदा होना समाज के लिए भारी क्षति है।